नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके मलेशियाई समकक्ष अनवर इब्राहिम के बीच बातचीत के बाद भारत और मलेशिया ने मंगलवार को फैसला किया कि वे द्विपक्षीय संबंधों को समग्र रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाएंगे।
दोनों देशों ने कई समझौतों पर दस्तखत किए, जिनमें से एक श्रमिकों की भर्ती और स्वदेश वापसी, जबकि एक अन्य डिजिटल प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने से संबंधित है।
इब्राहिम तीन दिवसीय भारत दौरे के तहत सोमवात रात दिल्ली पहुंचे। यह बतौर प्रधानमंत्री उनका पहला भारत दौरा है।
मोदी और इब्राहिम की बातचीत मुख्य रूप से व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने और नये व उभरते क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाएं तलाशने पर केंद्रित थी।
प्रधानमंत्री ने मीडिया के लिए जारी बयान में कहा कि हमने भारत-मलेशिया साझेदारी को समग्र रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का फैसला किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक क्षेत्र में सहयोग की व्यापक संभावनाएं हैं।
मोदी ने मलेशिया को दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के संगठन ‘आसियान’ और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत का अहम साझेदार बताया। उन्होंने कहा कि हमने इस बात पर सहमति जताई कि भारत और आसियान के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की समीक्षा समय पर पूरी होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली यूपीआई को मलेशिया के पेनेट से जोड़ने के लिए काम किया जाएगा।
दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग की नयी संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श किया।
मोदी ने कहा कि आतंकवाद और चरमपंथ से निपटने को लेकर हमारा दृष्टिकोण समान है।
दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में स्थिति की तरफ इशारा करते हुए मोदी ने कहा, “हम अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार, जहाजों और विमानों की मुक्त आवाजाही के लिए प्रतिबद्ध हैं और सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत करते हैं।”
इब्राहिम ने अपने बयान में कहा कि सभी संवेदनशील या उसी तरह के अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई, जिससे दोनों देशों के बीच दोस्ती के सही मायने प्रतिबिंबित होते हैं।