बेंगलुरु, 17 अगस्त (भाषा) कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूमि आवंटन ‘घोटाले’ के संबंध में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा दी गई अनुमति को शनिवार को ‘‘असंवैधानिक’’ और ‘‘अलोकतांत्रिक’’ करार दिया।
शिवकुमार ने कहा कि पूरी सरकार मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के साथ मजबूती से खड़ी है और वह अपने पद पर बने रहेंगे।
शिवकुमार ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘राज्यपाल ने अपने सचिव के माध्यम से (मुख्यमंत्री को) एक असंवैधानिक और लोकतंत्र विरोधी पत्र भेजा है।’’
उपमुख्यमंत्री ने सिद्धरमैया और मुख्य सचिव शालिनी रजनीश को भेजे गए उस पत्र का जिक्र करते हुए यह बात कही, जिसमें उन्हें सूचित किया गया था कि मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी गई है।
शिवकुमार ने कहा, ‘‘पूरा राज्य, कांग्रेस पार्टी- चाहे विधायक हों या मंत्रिमंडल- सब सिद्धरमैया के पीछे खड़े हैं। वह मेरे मुख्यमंत्री हैं, वह मुख्यमंत्री रहेंगे। हम उनके पीछे मजबूती से खड़े हैं। पार्टी मामले में उनका समर्थन करने के लिए उचित योजना बनाएगी। कोई मामला बनता ही नहीं है। उन्होंने बिना किसी मामले के मामला बना दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम कानूनी दायरे में रहकर और वैध तरीके से इससे लड़ेंगे। इसके अलावा, हमारी सरकार लोगों के बीच जाकर, उन्हें समझाकर और लोगों के समर्थन से इस मामले में राजनीतिक रूप से भी लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।’’
आरोप हैं कि सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती को मैसुरू में प्रतिपूरक भूखंड आवंटित किया गया था जिसका संपत्ति मूल्य उनकी उस भूमि की तुलना में अधिक था जिसे एमयूडीए ने ‘अधिग्रहीत’ किया था।