नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) राज्यसभा में बृहस्पतिवार को शून्यकाल के दौरान वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के दो सदस्यों ने विशाखापत्तनम में गंभीर वायु प्रदूषण और आंध्र प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्ग हिस्से की खराब स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की।
वाईएसआर कांग्रेस के गोला बाबूराव ने कहा कि विशाखापत्तनम लगातार छह वर्षों से भारत के शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है, जहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की अनुशंसित सीमा से 10 गुना अधिक है।
उन्होंने बताया कि ‘सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर’ के अनुसार, सितंबर 2024 में भारत के 67 शहर सबसे प्रदूषित, दैनिक शीर्ष 10 शहरों में शामिल हुए, जिनमें विशाखापत्तनम महीने में कम से कम पांच बार शामिल हुआ और आंध्र प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर रहा।
बाबूराव ने कहा कि सितंबर 2024 और नवंबर 2025 में स्थिति में सुधार नहीं हुआ बल्कि स्थिति बिगड़ गई है। ‘‘इसके प्रमुख कारण औद्योगिक प्रदूषण हैं, इसके बाद वाहन उत्सर्जन, सड़क धूल, निर्माण गतिविधियां और बायोमास जलाना हैं।’’
उन्होंने बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने विशाखापत्तनम को राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा न करने के कारण “नॉन-अटेनमेंट सिटी” घोषित किया है।
बाबूराव ने दिल्ली में आयु सीमा के कारण प्रतिबंधित वाहनों के अन्य राज्यों, विशेषकर आंध्र प्रदेश में बिकने का जिक्र करते हुए कहा कि इन वाहनों की 70 प्रतिशत से अधिक खरीद आंध्र प्रदेश के लोग कर रहे हैं, जिससे प्रदूषण संकट और बढ़ रहा है।
सांसद ने यह भी बताया कि आंध्र प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में 294 पद रिक्त हैं, जिससे वायु और जल नमूनाकरण कार्य प्रभावित हो रहे हैं। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सभी राज्यों को इस साल अप्रैल तक रिक्त पद भरने का निर्देश दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
बाबूराव ने प्रधानमंत्री और पर्यावरण मंत्री से व्यक्तिगत हस्तक्षेप कर सभी पदों को भरने, राष्ट्रीय स्वच्छ हवा कार्यक्रम पहल का लाभ उठाने, विशाखापत्तनम में वायु गुणवत्ता की सख्त निगरानी करने और सीपीसीबी को रोकथाम उपायों की निगरानी करने के निर्देश देने का अनुरोध किया।
इसी पार्टी के मेदा रघुनाधा रेड्डी ने राष्ट्रीय राजमार्ग-761 के कडप्पा-रेनिगुंटा खंड की स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि मौजूदा सड़क पर रात में यात्रा करना बेहद खतरनाक है। उन्होंने तत्काल सुधार, सड़क की मजबूती, गड्ढों की भराई, सतह सुधार और पर्याप्त संकेत तथा सुरक्षा सुविधाओं की स्थापना की आवश्यकता जताई।
रेड्डी ने केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री से निवेदन किया कि नए राजमार्ग निर्माण के दौरान रायलसीमा के लोग प्रभावित न हों, इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश एजेंसियों को जारी किए जाएं।