भारत में यूनेस्को की बैठक संपन्न, आईजीसी का अगला सत्र 2026 में चीन में होगा

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नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (आईसीएच) के संरक्षण को लेकर दिल्ली के लाल किले में आयोजित यूनेस्को की एक महत्वपूर्ण बैठक का शनिवार को समापन हो गया।

लगभग एक सप्ताह के इस सत्र के दौरान समिति ने विभिन्न देशों की 67 नयी अमूर्त सांस्कृतिक परंपराओं को अपनी सूची में शामिल किया।

यूनेस्को के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए अंतर-सरकारी समिति (आईजीसी) का अगला सत्र दिसंबर 2026 में चीन के शियामेन शहर में आयोजित किया जाएगा।

भारत ने शुक्रवार शाम को किला परिसर के ‘प्लेनरी हॉल’ में समापन समारोह आयोजित किया। इसके बाद प्रतिनिधि शनिवार को दर्शनीय स्थलों के भ्रमण के लिए रवाना होंगे।

यह सत्र भारत में पहली बार आयोजित किया गया और इसका आयोजन यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल लाल किले में किया गया था।

अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण से जुड़े यूनेस्को के 2003 सम्मेलन की सचिव फुमिको ओहिनाता ने समारोह को संबोधित करते हुए मुगलकालीन किला परिसर को बैठक के लिए एक “भव्य पृष्ठभूमि” बताया। उन्होंने कहा, “हमने भारत में बिताए हर पल का आनंद लिया।”

बाद में ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में ओहिनाता ने बताया कि आईजीसी का अगला सत्र चीन में आयोजित किया जाएगा।

नौ से 11 दिसंबर के बीच यूनेस्को की विभिन्न अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूचियों में 67 सांस्कृतिक परंपराओं को शामिल किया गया जिनमें भारत की दीपावली शामिल हैं।

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