परमाणु विधेयक में सुरक्षा तंत्र से कोई समझौता नहीं होगा: जितेंद्र सिंह

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नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी भागीदारी की अनुमति देने संबंधी विधेयक को ‘ऐतिहासिक’ करार देते हुए परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि इसमें सुरक्षा तंत्र से कोई समझौता नहीं होगा।

सिंह ने ‘भारत के रुपांतरण के लिए नाभिकीय ऊर्जा का संधारणीय दोहन और अभिवर्द्धन (शांति) विधेयक, 2025’ को उच्च सदन में चर्चा करने एवं पारित कराने के लिए पेश करते हुए कहा कि आने वाले समय में यह मील का पत्थर साबित होगा।

यह विधेयक बुधवार को लोकसभा में पारित हो चुका है।

सिंह ने कहा कि परमाणु ऊर्जा बिजली आपूर्ति का विश्वसनीय स्रोत है, जबकि अन्य नवीकरणीय ऊर्जा विकल्पों के मामले में ऐसा नहीं है।

उन्होंने कहा, “पिछले 10-11 वर्षों में भारत एक अलग वैश्विक भूमिका में आया है। भारत अब पहले की तरह दूसरों का अनुसरण करने वाला देश नहीं रहा…, बल्कि हम अब अग्रिम पंक्ति के देश हैं। हम अब अनुयायी नहीं हैं। भारत दूसरों को मार्गदर्शन दे रहा है।”

उन्होंने कहा कि 2014 के बाद पहली बार जलवायु, ऊर्जा, ऊर्जा सुरक्षा या स्वच्छ ऊर्जा जैसी वैश्विक चिंताओं को प्राथमिकता दी जा रही है।

सिंह ने सदन को बताया कि कई कारणों से स्वच्छ ऊर्जा की ओर रुझान बढ़ेगा, क्योंकि पूरी दुनिया उसी दिशा में आगे बढ़ रही है और भारत के लिए भी यह जरूरी है कि वह समग्र रूप से इस लक्ष्य को हासिल करे, ताकि देश पेट्रोलियम संसाधनों या जीवाश्म ईंधन पर कम से कम निर्भर रहे।

उन्होंने कहा, “हमें परमाणु ऊर्जा की भी आवश्यकता है, जो अन्य नवीकरणीय ऊर्जा विकल्पों के विपरीत अधिक विश्वसनीय ऊर्जा स्रोत है।”

मंत्री ने कहा कि परमाणु ऊर्जा को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। 2014 से पहले परमाणु ऊर्जा विभाग का बजट केवल 13,879 करोड़ रुपये था, जो मौजूदा वर्ष में बढ़कर 37,483 करोड़ रुपये हो गया है।

उन्होंने बताया कि 2015 में सरकार ने एक और साहसिक निर्णय लेते हुए परमाणु क्षेत्र को संयुक्त उपक्रमों के लिए खोला, हालांकि उस समय यह केवल सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तक सीमित था, निजी क्षेत्र के लिए नहीं।

सिंह ने कहा कि 2017 में मंत्रिमंडल के एक फैसले के तहत 10 रिएक्टर स्थापित करने की मंजूरी दी गई। उन्होंने यह भी बताया कि सितंबर 2025 में प्रधानमंत्री ने चार परमाणु रिएक्टरों की आधारशिला रखी।

उन्होंने कहा कि जब 2014 में राजग सरकार सत्ता में आई थी, तब परमाणु ऊर्जा क्षमता केवल 4.7 गीगावाट थी, जो अब बढ़कर 8.9 गीगावाट हो गई है।

मंत्री ने बताया कि यह क्षमता कुल आवश्यक बिजली उत्पादन का मात्र तीन प्रतिशत है और इसे 2047 तक कम से कम 10 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए इस बजट में एक परमाणु ऊर्जा मिशन शुरू किया गया है।

उन्होंने कहा कि इस मिशन का एक महत्वपूर्ण घटक निजी क्षेत्र के लिए परमाणु ऊर्जा को खोलना है, हालांकि इसके साथ कुछ सुरक्षा उपाय और निगरानी तंत्र भी लागू रहेंगे।

सिंह ने कहा कि निजी क्षेत्र को शामिल करने के लिए कुछ समायोजन और संशोधन की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस विधेयक में नियामक बोर्ड को भी शामिल किया गया है और उसे वैधानिक दर्जा दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा, “मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सुरक्षा (तंत्र) के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।”

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