निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जूता-चप्पल कारोबार का और विस्तार करने की जरूरत : मुर्मू

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नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि दुनिया में जूते-चप्पल (फुटवियर) का भारत एक प्रमुख निर्यातक है तथा इस क्षेत्र से देश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कारोबार का और विस्तार करने की जरूरत है।

फुटवियर डिजाइन एवं विकास संस्थान (एफडीडीआई) के दीक्षांत समारोह में उन्होंने कहा कि खेलों के तेजी से विकास और गैर-चमड़ा क्षेत्रों में कारोबार के लिए अपार अवसर मौजूद हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय इस क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए कई कदम उठा रहा है।

मुर्मू ने कहा, ‘‘ भारत, दुनिया का एक प्रमुख जूता-चप्पल (फुटवियर) निर्यातक है, लेकिन हमारे निर्यात को और बढ़ावा देने के लिए इस व्यवसाय का और अधिक विस्तार करने की आवश्यकता है।’’

वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का जूते-चप्पल (फुटवियर) का निर्यात 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक और आयात 68 करोड़ अमेरिकी डॉलर था।

राष्ट्रपति ने इस संदर्भ में कहा कि निर्यात, आयात से चार गुना अधिक है और इसमें और वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा कि देश जूते-चप्पल (फुटवियर) के उत्पादन व खपत में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने उम्मीद जताई कि देश इस क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी बनेगा।

इस कार्यक्रम में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश के मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) भारतीय व्यवसायों के लिए अपार अवसर प्रदान करेंगे।

उन्होंने कहा कि भारतीय जूते-चप्पल (फुटवियर) उत्पाद विश्व स्तर पर प्रसिद्ध हैं।

गोयल ने कहा कि ‘प्राडा’ जैसे ब्रांड ने भारत की ‘जीआई-टैग’ वाली कोल्हापुरी चप्पलों को अपनाया है और उन्हें वैश्विक बाजार में ले जाने की कोशिश की है।

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत विकसित देशों के साथ कई मुक्त व्यापार समझौते कर रहा है जिससे आपके लिए नए अवसर उपलब्ध होंगे।’’

मंत्री ने स्नातकों को नए बाजारों, नवाचार और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव भी दिया।

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