हैदराबाद, 28 दिसंबर (भाषा) तेलंगाना विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होगा और इसके हंगामेदार रहने के आसार हैं क्योंकि हाल में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के बीच नदी जल मुद्दों पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर देखने को मिला।
सत्र के एजेंडे में जल संबंधी मुद्दे प्रमुखता से उभरने की संभावना है क्योंकि बीआरएस ने हाल में ‘‘तेलंगाना के जल अधिकारों’’ की रक्षा के लिए आंदोलन की घोषणा की है, जबकि कांग्रेस सरकार ने विपक्षी दल को विधानसभा में इस मुद्दे पर बहस करने की चुनौती दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री और बीआरएस अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव पिछले दो वर्षों से सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूर रहे थे लेकिन हाल में उन्होंने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। केसीआर के नाम से मशहूर राव ने कहा कि मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी की सरकार केंद्र सरकार पर दबाव बनाने में विफल रही, जिसने कथित तौर पर पालमुरु-रंगारेड्डी सिंचाई परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट लौटा दी थी। बीआरएस अध्यक्ष ने कांग्रेस सरकार को ‘‘बेकार’’ करार दिया।
केसीआर के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री पिछले दो वर्षों में विधानसभा से लगभग अनुपस्थित रहे हैं।
रेवंत रेड्डी ने बीआरएस अध्यक्ष को विधानसभा सत्र में हिस्सा लेने की चुनौती दी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि अविभाजित आंध्र प्रदेश की तुलना में बीआरएस और चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना के साथ कहीं अधिक विश्वासघात किया।
रेड्डी ने कहा था कि सरकार सबूतों के साथ चर्चा के लिए तैयार है।