31 दिसंबर के बीतते ही एक जनवरी नया साल 2026 लेकर हाजिर हो गया है। समय तो सदैव ही गतिमान रहता है । कहते हैं सब कुछ रुक सकता है लेकिन काल का पहिया किसी के रोके नहीं रुकता । जान लीजिए केवल दीवार पर लगा कैलेंडर बदलने से नया साल नहीं बदलता उसे बदलने के लिए तो हमें खुद बहुत कुछ बदलना पड़ता है यहां तक की नई साल के साथ प्रकृति भी खुद को बदलता है। बदलाव की इसी प्रक्रिया का नाम है नया साल।
दुनिया भर में अलग-अलग संस्कृतियों में अलग -अलग तरीके के नए साल मनाए जाते हैं । पर, सबसे प्रसिद्ध वर्ष हैआज शुरू हो रहा ग्रेगोरियन वर्ष । इसी नववर्ष को दुनियाभर के देश मनाते हैं। एक नज़रिए से देखें तो इसमें नया कुछ भी नहीं है लेकिन दूसरी दृष्टि से निहारें तो इसी बहाने हम जीवन में एक नवीनता का एहसास करते हैं ।
नए साल का एक ही मतलब :
नया साल संदेश लेकर आता है ‘बीती ताहि बिसार दे ,आगे की सुध लेय’ यानी जो बीत गया है उसे भुला दें । यदि कुछ खराब घटित हुआ है तो उससे सीख लें यदि कुछ अच्छा हुआ है तो उसे आने वाले वर्ष में जारी रखें यही है नए वर्ष का सबसे सार्थक मतलब।
कितने-कितने नए साल:
दुनिया भर में अनेक नए वर्ष हैं म्यांमार में तजान है तो ईरान में नौरोज, जापान में यांबुरी है । अकेले भारत में ही ईस्वी सन, शक संवत, विक्रमी संवत, शालीवाहन जैसे कितने ही नव वर्ष आते हैं । कहीं पोंगल पर तो कहीं बसंत पंचमी पर कहीं दिवाली पर तो कहीं गुड़ी पड़वा पर नए वर्ष को मनाने की परंपरा है ।
ताकि शुभ हो नववर्ष….
अब नया साल कहीं भी या कैसे भी और कभी भी मनाएं पर समानता एक ही है और वह है नए साल पर मिलने वाली खुशी और हर नववर्ष जोश, खुशी,उमंग,उत्साह और नव संकल्प लेकर आता है और यही है नए साल को सेलिब्रेट करने की असली सार्थकता । पर यह भी याद रखिए कि केवल संकल्प लेने से कुछ नहीं बदलता संकल्पना को सिद्धि तक पहुंचाने के लिए बहुत कड़े परिश्रम दृढ़ निश्चय एवं लगन की जरूरत होती है उम्मीद है उम्मीद है इस साल हम लिए गए हर संकल्प को पूरा करने तक रुकेंगे न हटेंगे।
तो आइए तय करते हैं संकल्प से सिद्धि तक का रास्ताजिससे नया साल सार्थक शुभ और सफलतादायक हो।
वेल बिगिन हाफ डन
नया साल अच्छाहो इसकी की पहली शर्त है उसकी शुरुआत अच्छी हो । यानी ‘वेल बिगन हाफ डन’ के सिद्धांत पर शुरू करें नया साल । परिस्थितियां कैसी भी हों,मगर कोशिश करें कि नया साल हंसी खुशी और उमंग के साथ शुरू किया जाए । अनावश्यक रूप से अपने संसाधनों का दुरुपयोग न करें, सेलिब्रेट करने का मतलब हो हुल्लड़ न हो। उधार लेकर, कर्ज में डूब कर, महंगे होटलों में जाकर नए साल को सेलिब्रेट करने की कोई तुक नहीं है। हां, आपके पास पर्याप्त मात्रा में संसाधन हैं और आप नए साल को इसी तरह मनाना चाहें तो आपकी मर्जी ।
बी पॉजिटिव:
नए साल को सार्थक बनाने का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कदम है सकारात्मक सोच । यदि हम पॉजिटिव तरीके से सोचते हैं तो तय है कि हमें परिणाम भी पॉजिटिव ही मिलेंगे। मन से नकारात्मक विचार निकाल फेंके । मन को कभी हारने मत दीजिए कहा भी है “मन के हारे हार है, मन के जीते जीत” ।
दृढ़ संकल्प , डर के आगे जीत
जीवन में सफ़लता के लिए ज़रूरी है मन में दृढ़ संकल्प का होना और दृढ़ संकल्प और कर्मठता के बगैर कुछ नहीं हो सकता । केवल सोचने मात्र से कोई कार्य कभी नहीं होता । इसका मतलब यह हुआ कि हम अपनी सोच को अच्छा बनाएं और साथ ही साथ इस अच्छी सोच को पूरा करने के लिए संकल्प लें और उस संकल्प पर दृढ़ता पूर्वक डटे रहकर निरंतर कार्य करें । जान लीजिए कि किसी भी अच्छे और ऊंचे लक्ष्य को पाने में बाधाएं तो आएंगी ही मगर उन बाधाओं से न डरना है न ही विचलित होना है यदि ऐसा कर पाए तो नया साल आपके लिए सफलता की सौगात लिए खड़ा मिलेगा।
मिलकर रहें, खिलकर जिएं :
कहते हैं मिलजुल कर रहने से सुख बढ़ जाता है और दुख घट जाता है तो नए साल में संकल्प लें कि हम अपने परिवार के साथ मित्रों के साथ रिश्तेदारों के साथ मिलजुल कर रहेंगे ऑफिस में टीम वर्क की भावना के साथ कार्य करेंगे और अपने साथियों को सम्मान देंगे । आगे पढ़कर उनके कार्यों में हाथ बटाएंगे और सर्वे भवंतु सुखिनः की भावना के साथ कार्य करने का पूरा प्रयास करेंगे । यदि आप ऐसा करते हैं तो निश्चित रूप से नया साल खुशनुमा होगा।
होते रहिए अपडेट:
आज का जमाना ‘हार्डवर्क’ से कहीं ज़्यादा ‘स्मार्ट वर्क’ का है। कठोर मेहनत, सतत प्रयास, तो जरूरी हैं ही स्मार्ट वर्कर के रूप में भी अपने आप को ढालना होगा । हमें अपना लक्ष्य स्मार्ट तरीके से प्राप्त करना है और इसके लिए तकनीकी ज्ञान का होना बहुत जरूरी है तो इस वर्ष ठान लीजिए कि आप अपने तकनीकी ज्ञान को लगातार अपडेट करते रहेंगे । पक्का मानिए ऐसा करने से आपकी सफलता की दर बहुत ऊंची हो जाएगी।
ईर्ष्या न द्वेष,दूर क्लेश:
पॉजिटिव होना बहुत जरूरी है मगर उससे भी ज्यादा जरूरी है दूसरों के प्रति ईर्ष्या डाह या द्वेष भाव न रखना । कॉम्पिटेटिव बनिए प्रतिस्पर्धा रखिए मुक़ाबला कीजिए मगर यदि किसी से जलते रहेंगे तो इससे केवल हमारा ही नुक़सान होगा और हम अपनी उन्नति का सही रास्ता ढूंढने के बजाय इस बात में उलझ कर रह जाएंगे कि दूसरे का नुकसान कैसे हो । बेहतर हो कि हम अपनी उन्नति पर ध्यान दें न कि दूसरों से जलने में वक्त खराब करें।
स्वस्थ रहें , मस्त रहें:
वैसे तो सफ़लता के इतने टिप्स हैं कि कभी खत्म न हों लेकिन सबसे बड़ा गुर है अपने आप को स्वस्थ रखना । यदि हम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे तभी कुछ कर पाएंगे । अस्वस्थ रहे तो तय मानिए कि हम न काम का आनंद ले सकते हैं न ही खानपान का । ढंग से खेल सकते हैं, न घूम सकते हैं इसलिए नए साल में खुद को स्वस्थ रखने को टॉप प्रायोरिटी दें । तो नववर्ष 2026 में सबसे आगेएक ही लक्ष्य रखें वह है स्वस्थ रहें मस्त रहें ।
डॉ० घनश्याम बादल
