उपग्रह सेवाएं सुरक्षा मंजूरी, स्पेक्ट्रम आवंटन के बाद शुरू होंगी: सिंधिया

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नयी दिल्ली, 28 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उपग्रह संचार (सैटकॉम) सेवाएं देश में तब शुरू की जाएंगी, जब इस क्षेत्र की कंपनियां, जिनमें एलन मस्क के स्वामित्व वाली स्टारलिंक भी शामिल है, सुरक्षा एजेंसियों की मांगों का पालन करेंगी।

मंत्री ने पीटीआई-भाषा को दिए गए साक्षात्कार में कहा कि सरकार जल्द ही सैटकॉम कंपनियों – स्टारलिंक, यूटेलसैट वन और जियो एसजीएस – को स्पेक्ट्रम आवंटित करने की स्थिति में होगी। ऐसा दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा स्पेक्ट्रम की कीमत तय करने के बाद किया जाएगा।

सिंधिया ने कहा, ”दो मुद्दे हैं, जिनका समाधान करना है। पहला है लाइसेंसधारकों – वनवेब, रिलायंस जियो, और स्टारलिंक – का सुरक्षा मंजूरी से संबंधित अंतरराष्ट्रीय गेटवे की आवश्यकताओं का पालन करना, जिसमें यह सुनिश्चित करना शामिल है कि डेटा भारत में ही रहे।”

मंत्री ने कहा कि सरकार ने सुरक्षा एजेंसियों के साथ अनुपालन क्षमता दिखाने के लिए सैटकॉम कंपनियों को अस्थायी रूप से स्पेक्ट्रम भी आवंटित कर दिया है।

सिंधिया ने कहा, ”वे इस प्रक्रिया में हैं, इसलिए उन्हें अनुपालन करना होगा।”

उन्होंने यह भी बताया कि सरकार स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है, जिसे दूरसंचार विभाग और दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) देख रहे हैं।

उन्होंने कहा, ”उम्मीद है कि यह जल्द ही सुलझ जाएगा।” ट्राई और डीओटी के बीच सैटकॉम सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम को लेकर कई बिंदुओं पर मतभेद हैं।

वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) द्वारा मांगी गई राहत के बारे में मंत्री ने कहा कि डीओटी अभी भी इस पर काम कर रहा है।

सिंधिया ने कहा, ”हम इस पर विचार कर रहे हैं। दूरसंचार विभाग में इस बारे में कार्य प्रगति पर है।”

वीआईएल ने इस साल की शुरुआत में डीओटी को एक पत्र में कहा था कि उसकी सरकार के प्रति देनदारियां लगभग दो लाख करोड़ रुपये हैं, जिसमें से 1.19 लाख करोड़ रुपये की स्पेक्ट्रम देनदारियां हैं।

कंपनी ने कहा था कि अगर कोई समर्थन नहीं मिला तो स्पेक्ट्रम देनदारियों की वसूली नहीं हो पाएगी। साथ ही 53,083 करोड़ रुपये का इक्विटी मूल्य शून्य हो जाएगा और केंद्र सरकार को भारी वित्तीय नुकसान होगा।

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