गुवाहाटी, 28 दिसंबर (भाषा) असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने देश का भविष्य गढ़ने में युवाओं की भूमिका को अहम बताते हुए उनकी शक्ति, ऊर्जा और प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
राज्यपाल शनिवार को ‘अष्टलक्ष्मी दर्शन युवा विनिमय कार्यक्रम’ में शामिल 40 छात्रों से संवाद कर रहे थे। यह कार्यक्रम पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डोनर) के तहत उत्तर पूर्वी परिषद द्वारा आयोजित किया गया था और इसकी मेजबानी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), गुवाहाटी ने की।
छात्रों से बातचीत के दौरान आचार्य ने ‘राष्ट्र भाव’ और ‘राष्ट्र सेवा’ की मूल भावना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राष्ट्रीय चेतना की गहरी समझ और समाज सेवा का भाव ही जिम्मेदार नागरिकता की नींव है।
उन्होंने कहा कि भारत की असली ताकत उसके युवाओं में है, जिनकी ऊर्जा, ईमानदारी और राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति निष्ठा देश के भविष्य को सार्थक दिशा दे सकती है।
राज्यपाल ने कहा कि ‘अष्टलक्ष्मी दर्शन’ जैसे युवा विनिमय कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि इनके जरिए युवाओं को देश की सांस्कृतिक विविधता, विकास के नजरिये और साझा विरासत को समझने का अवसर मिलता है।
उन्होंने छात्रों से सकारात्मक राष्ट्रीय विचारों से प्रेरणा लेने, उन्हें आत्मसात करने और अपने-अपने क्षेत्रों में राष्ट्र सेवा के लिए सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया।
‘अष्टलक्ष्मी दर्शन 2025’ कार्यक्रम 15 दिसंबर से शुरू हुआ था, जिसका उद्देश्य विभिन्न राज्यों के छात्रों के बीच सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। इस कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश से आए स्नातक स्तर के छात्र प्रतिनिधि शामिल थे।