रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर एकीकृत सौर विनिर्माण सुविधा करेगी स्थापित

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नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) उद्योगपति अनिल अंबानी नीत रिलायंस समूह की इकाई रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर भारत के सबसे उन्नत, पूर्णतः एकीकृत सौर विनिर्माण परिवेश में से एक की स्थापना कर रही है जिसमें इन्गोट, वेफर्स, सेल और मॉड्यूल शामिल होंगे।

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के निवेशकों के समक्ष सोमवार को पेश की गई जानकारी के अनुसार, विनिर्माण सुविधा अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी से लैस होगी।

यह आयात निर्भरता को कम करने और भारत की स्वच्छ ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक एकीकृत मंच होगा। यह सुविधा मांग-आपूर्ति के बीच के बड़े अंतर को पाटेगी क्योंकि भारत को 2030 तक प्रतिवर्ष 55-60 गीगावाट सौर मॉड्यूल की आवश्यकता होगी जबकि ‘अपस्ट्रीम’ क्षमता अब भी काफी कम है।

भारत का स्थापित स्थिर भंडारण आधार वतर्मान में एक गीगावाट से भी कम है और 2032 तक बढ़कर 250 गीगावाट हो जाएगा। घरेलू विनिर्माण वर्तमान में अपेक्षित मांग का 10 प्रतिशत से भी कम पूरा कर पाता है।

रिलायंस समूह की एक अन्य कंपनी रिलायंस पावर ने अपने निवेशक प्रस्तुतिकरण में कहा कि रिलायंस एनयू एनर्जीज साधारण सौर ऊर्जा से हाइब्रिड एवं ठोस, चौबीसों घंटे (आरटीसी) नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बदलाव को बल दे रही है।