संसद पर हमले की बरसी: उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सांसदों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी

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नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति सी पी राधाकृष्णन के नेतृत्व में सांसदों ने शनिवार को 2001 में संसद भवन पर आतंकवादियों के हमले के दौरान मारे गए लोगों को पुष्पांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राज्यसभा के सभापति राधाकृष्णन हमले की 24वीं बरसी पर श्रद्धांजलि अर्पित करने वाले शुरुआती नेताओं में शामिल थे।

इस दिन की याद में हर साल 13 दिसंबर को पुराने संसद भवन (संविधान सदन) के बाहर एक छोटा समारोह आयोजित किया जाता है।

इसके अलावा, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले ‘‘साहसी नायकों’’ को श्रद्धांजलि दी और कहा कि देश उनके और उनके परिवारों का ऋणी रहेगा।

मुर्मू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज के दिन हम आतंकवाद के सभी रूपों से लड़ने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।’’

उन्होंने लिखा, ‘‘देश उन वीर नायकों को नमन करता है जिन्होंने 2001 में इसी दिन हमारी संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। उनकी वीरता और कर्तव्यनिष्ठा हमारी राष्ट्रीय भावना को निरंतर प्रेरित करती रहेगी। देश उनके और उनके परिवारों का ऋणी रहेगा।’’

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) कर्मियों ने कार्यक्रम स्थल पर सलामी या ‘‘सम्मान गारद’’ प्रस्तुत किया जिसके बाद शहीदों की याद में कुछ समय का मौन रखा गया। 2023 तक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ‘सलामी शस्त्र’ प्रस्तुत करता था।

इस कार्यक्रम में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाद्रा भी उपस्थित थीं।

केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू, जितेंद्र सिंह और अर्जुन राम मेघवाल ने भी हमले को नाकाम करते समय शहीद हुए कर्मियों की तस्वीरों पर पुष्पांजलि अर्पित की।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला संसद के निचले सदन के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवराज पाटिल के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए लातूर में हैं।

बाद में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस दिन ‘‘हमारा देश उन लोगों को याद करता है जिन्होंने 2001 में हमारी संसद पर हुए जघन्य हमले के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी।’’

उन्होंने श्रद्धांजलि समारोह की तस्वीरें साझा करते हुए कहा, ‘‘गंभीर खतरे के बावजूद उनका साहस, सतर्कता और कर्तव्य के प्रति अटूट निष्ठा सराहनीय थी। भारत उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए सदा कृतज्ञ रहेगा।’’

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 2001 में संसद भवन पर हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों को शनिवार को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनकी वीरता और राष्ट्र के प्रति नि:स्वार्थ सेवा हर भारतीय को प्रेरित करती रहेगी।

उपराज्यपाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘2001 में हमारी संसद पर हुए कायरतापूर्ण हमले के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीदों को मेरी हार्दिक श्रद्धांजलि। उनकी वीरता, साहस और राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ सेवा प्रत्येक भारतीय को प्रेरित करती रहेगी।’’

पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद संगठनों के पांच आतंकवादियों ने 2001 में इसी दिन संसद परिसर पर हमला किया था, जिसमें नौ लोग मारे गए थे। सुरक्षा बलों ने सभी पांच आतंकवादियों को मार गिराया था।

इस हमले में दिल्ली पुलिस के छह जवान, संसद सुरक्षा सेवा के दो जवान, एक माली और एक टीवी पत्रकार मारे गए। तत्कालीन संसद भवन के प्रांगण में सभी पांचों आतंकवादियों को मार गिराया गया था।

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