मुल्लांपुर, 12 दिसंबर (भाषा) दक्षिण अफ्रीका के विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के अपने फैसले को पलटने के संबंध में कहा कि किसी चीज को गंवाने के बाद ही उसकी असली कीमत का एहसास होता है और अब उनकी रन बनाने की भूख पहले की तुलना में अधिक तेज हो गई है।
डिकॉक की भारत के खिलाफ दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में 46 गेंदों पर खेली गई 90 रन की पारी देश के लिए दोबारा खेलने के प्रति उनके नए संकल्प का प्रमाण थी। पावर हिटिंग के इस दौर में डिकॉक पारंपरिक स्ट्रोकप्ले पर भरोसा करते हैं और बल्लेबाजी को सहज बनाते हैं।
इस 32 वर्षीय खिलाड़ी ने 2023 विश्व कप के बाद वनडे से संन्यास ले लिया था और 2024 में टी20 विश्व कप के फाइनल में भारत से मिली हार के बाद से इस साल अक्टूबर तक उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला था।
डिकॉक ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करने के अपने फैसले के बारे में कहा, ‘‘‘मुझे लगता है कि संन्यास लेने से पहले इस टीम के लिए मैच जीतने की मेरी भूख कम हो रही थी। लेकिन मैंने जो ब्रेक लिया उसने मेरी भूख को फिर से जगा दिया। मैं टीम के साथियों से कह रहा था कि मुझे नहीं लगता कि मैंने पहले कभी ऐसा महसूस किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ जब आप युवा होते हैं तो आप सिर्फ रन बनाने और अपना प्रभाव छोड़ने के लिए खेलते हैं। मुझे अब एक नई ऊर्जा महसूस हो रही है, जहां मैं केवल खेल नहीं रहा हूं। मैं हर मैच को जीतने के लिए एक नई ऊर्जा के साथ खेल रहा हूं।’’
डिकॉक ने कहा, ‘‘पहले सुबह उठकर टीम के लिए दोबारा खेलना मुश्किल होता था। विशेषकर तब जबकि आपको लगातार क्रिकेट खेलने पड़ रही हो। एक समय के बाद मैं इससे ऊबने लगा था। मैं नई चुनौती की तलाश में था और मुझे वह नहीं मिल रही थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘संन्यास से वापसी के बाद अब मुझे ऐसा लग रहा है कि यही वो चीज है जिसकी मुझे सबसे ज्यादा कमी खल रही थी। सब जानते हैं जब तक आप किसी चीज को खो नहीं देते, तब तक आपको उसकी कीमत का एहसास नहीं होता। वापसी के बाद मुझमें एक नई ऊर्जा है और मुझे लगता है कि मैं पहले की तुलना में कहीं ज्यादा समय तक खेल सकता हूं।’’
डिकॉक से जब पूछा गया कि क्या वह टेस्ट क्रिकेट में भी वापसी करने के बारे में सोच रहे हैं, उन्होंने कहा, ‘‘आप अकेले नहीं हैं जिन्होंने मुझसे यह सवाल पूछा है, लेकिन फिलहाल मेरा जवाब साफ तौर पर नहीं है।’’