राजस्थान में पारेषण बाधाओं के कारण लगभग चार गीगावॉट सौर क्षमता प्रभावित

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नयी दिल्ली, 14 दिसंबर (भाषा) राजस्थान में अपर्याप्त पारेषण बुनियादी ढांचे के कारण लगभग 4,300 मेगावॉट सौर ऊर्जा क्षमता दिन के समय पूरी तरह कटौती का सामना कर रही है। उद्योग सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इससे करीब 20,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं जोखिम में पड़ गई हैं।

अदाणी, रीन्यू, सेरेंटिका, जूनिपर, जेलेस्ट्रा, एसीएमई और एम्प एनर्जी सहित कई कंपनियों की कुल 26 सौर परियोजनाएं फिलहाल अस्थायी सामान्य नेटवर्क पहुंच (टी-जीएनए) व्यवस्था के तहत बिजली की आपूर्ति कर रही हैं, क्योंकि उनकी संबंधित पारेषण प्रणालियां अभी चालू नहीं हुई हैं।

सूत्रों के मुताबिक उपलब्ध पारेषण मार्जिन के खत्म हो जाने के कारण इन संयंत्रों से दिन के समय बिजली उत्पादन पूरी तरह रोक दिया गया है।

उत्तरी क्षेत्र लोड डिस्पैच सेंटर (एनआरएलडीसी) के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में लगभग 23 गीगावॉट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता चालू है, जबकि पारेषण क्षमता करीब 18.9 गीगावॉट है।

यह पूरी पारेषण क्षमता दीर्घकालिक सामान्य नेटवर्क पहुंच (जीएनए) वाली परियोजनाओं को आवंटित की जा चुकी है, जिससे टी-जीएनए के तहत संचालित चार गीगावॉट से अधिक क्षमता के लिए बिजली निकासी की कोई गुंजाइश नहीं बची है।

इन कंपनियों ने चेतावनी दी है कि लंबे समय तक यह स्थिति बनी रहने से परियोजनाओं की व्यवहार्यता और कर्ज की अदायगी पर गंभीर असर पड़ सकता है।

उद्योग प्रतिनिधियों ने सरकार से अल्पकालिक राहत उपायों पर विचार करने का आग्रह किया है, जिनमें टी-जीएनए के तहत बिजली निकासी सुधारने के लिए विशेष संरक्षण योजना (एसपीएस) लागू करना और कम उपयोग अवधि के दौरान अप्रयुक्त जीएनए मार्जिन को टी-जीएनए परियोजनाओं को आवंटित करना शामिल है।

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