पटना, चार दिसंबर (भाषा) बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनका नाम न तो “बुलडोजर बाबा’’ है और न ही “बुलडोज़र’’ से उनका कोई संबंध है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं केवल सम्राट चौधरी के नाम से ही जाना जाता हूं।’’
विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार का पक्ष रखते हुए चौधरी ने सख्त लहजे में कहा कि जो लोग मीडिया या सार्वजनिक मंचों पर गाली-गलौज करेंगे, उन्हें जेल भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कानून स्पष्ट है और ऐसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अतिक्रमण हटाने की चल रही कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया न्यायालय के आदेश पर की जा रही है ।
उपमुख्यमंत्री ने कहा,‘‘कोई माफिया नहीं बचेगा, सब पर कार्रवाई होगी।’’
उन्होंने दोहराया कि अतिक्रमण मुक्त अभियान का मकसद केवल कानून के शासन को स्थापित करना है और इसमें किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाएगा।
इससे पहले राज्यपाल के अभिभाषण पर अपनी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का पक्ष रखते हुए विधायक कुमार सर्वजीत ने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर अतिक्रमण-विरोधी कार्रवाई को लेकर निशाना साधते हुए उन्हें मीडिया में ‘बुलडोज़र बाबा’ से संबोधित किए जाने का मुद्दा उठा दिया।
सर्वजीत ने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तेज हुई है, जिसका सबसे अधिक असर गरीबों और झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले परिवारों पर पड़ा है।
उन्होंने कहा कि पत्रकार साथी अखबारों और टीवी चैनलों पर उन्हें बुलडोज़र बाबा कहकर संबोधित कर रहे हैं।
उन्होंने व्यंग्य किया, ‘‘सम्राट चौधरी के पिता ने उनका नाम सोच-समझकर रखा था, लेकिन पत्रकारों ने उनका नाम ही बदल दिया है।’’
राजद विधायक ने बताया कि जब उन्होंने पत्रकारों से पूछा कि उपमुख्यमंत्री को ‘बुलडोज़र बाबा’ किसने बना दिया, तो जवाब मिला कि ‘‘गरीबों की झोपड़ियां उजड़ रही हैं, इसलिए यह नाम पड़ा है।’’
सर्वजीत ने कहा कि पत्रकार मित्र उपमुख्यमंत्री का चरित्र हनन कर रहे हैं, जबकि उन्हें अभी-अभी गृह विभाग की जिम्मेदारी और उपमुख्यमंत्री पद मिला है।
उन्होंने चौधरी पर कटाक्ष किया, ‘‘ उपमुख्यमंत्री बनने के बाद गरीबों की झोपड़ी उजाड़कर अपना नामकरण मत होने दीजिए।’’
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर गरीबों को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि प्रभावशाली और बड़े लोगों पर कार्रवाई से सरकार बच रही है। राजद विधायक ने कहा कि ऐसी कार्रवाई से गरीबों में असुरक्षा की भावना बढ़ी है, ऐसे में सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।