ज्योतिष के जन्मदाता थे महापंडित रावण

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सुदर्शन भाटिया 
आपको यह जानकर हो सकता है आश्चर्य हो किन्तु कुछ विद्वान मानते हैं कि ज्योतिष के जन्मदाता लंकापति रावण ही थे, जिन्होंने हमें ज्योतिष का महान ज्ञान दिया।
भगवान सूर्य देव के सारथी थे अरुण। उन्होंने ही रावण की बात मानकर तथा उन्हें ज्ञान का अधिकारी जानकर ज्योतिष का ज्ञान प्रदान किया। यह रावण ही थे, जिन्होंने भारतीय ज्योतिष शास्त्र में सात ग्रहों को प्रतिपादित किया। रावण ने जिन सात ग्रहों को प्रतिपादित किया, वे सभी सप्ताह के सात दिनों पर आधारित थे या यूं कहें कि रावण ने जो सात ग्रह बताए वे थे चंद्र (सोम), मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि तथा सूर्य। सूर्य को रवि भी कहते हैं। राहु-केतु छाया ग्रह। इनका महत्व अपने आप कुछ भी नहीं। किसी ग्रह के सहयोग से राहु-केतु प्रभावी हो जाते हैं।
कुछ समय बाद सभी सात ग्रहों के बाद वार जोड़ दिया गया। इस प्रकार इनसे बने सप्ताह में दिनों के नाम पड़ गए- रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार तथा सातवां शनिवार।