इंदौर, 31 दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने बुधवार को राज्य सरकार को निर्देशित किया कि शहर में दूषित पानी पीने के कारण उल्टी-दस्त से पीड़ित लोगों को निःशुल्क उपचार प्रदान किया जाए।
अदालत ने देश के सबसे स्वच्छ शहर में सामने आए दूषित पेयजल कांड को लेकर राज्य सरकार से स्थिति रिपोर्ट भी तलब की है।
उच्च न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ के न्यायमूर्ति राजेश कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति बीपी शर्मा ने इंदौर के उच्च न्यायालय अभिभाषक संघ के अध्यक्ष रितेश ईनाणी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आगामी दो जनवरी तक यह रिपोर्ट पेश किए जाने का निर्देश दिया।
ईनाणी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया,‘‘उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को यह निर्देश भी दिया है कि शहर में दूषित पानी पीने के कारण उल्टी-दस्त से बीमार लोगों को निःशुल्क उपचार प्रदान किया जाए।’’
उन्होंने बताया कि उनकी याचिका में खास तौर पर यह गुहार लगाई गई है कि शहर के हर नागरिक को पीने का साफ पानी मुहैया कराया जाए।
अधिकारियों ने बताया कि गुजरे एक हफ्ते के दौरान शहर के भागीरथपुरा क्षेत्र में उल्टी-दस्त के प्रकोप से 1,100 से ज्यादा लोग किसी न किसी रूप में प्रभावित हुए हैं जिनमें से करीब 150 मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया है।
शहर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव के मुताबिक इस प्रकोप में अब तक सात लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।