यह सुनकर निराशा होती थी कि मैं अच्छी शुरुआत करती थी लेकिन अच्छी फिनिशर नहीं थी: शेली एन

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पुणे, 14 दिसंबर (भाषा) जमैका की दिग्गज फर्राटा धाविका शेली एन फ्रेजर प्राइस का कहना है कि उन्हें यह ठप्पा पसंद नहीं था कि वह अच्छी शुरुआत करती थी लेकिन अच्छी फिनिशर नहीं थी। उन्होंने कहा कि एलीट स्तर तक पहुंचने के लिए उन्हें अपने शुरुआती वर्षों में अपनी दौड़ने की शैली को बदलना पड़ा।

ओलंपिक की आठ बार की और विश्व चैंपियनशिप की 17 बार की पदक विजेता शेली एन ने कहा कि उन्होंने 100 मीटर फर्राटा दौड़ में बेहतर होने के लिए 200 मीटर दौड़ में बहुत मेहनत की। शेली एन के नाम 100 मीटर में 10.60 सेकेंड का इतिहास का तीसरा सबसे तेज समय दर्ज है।

शेली एन ने पीटीआई को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘‘एक एलीट फर्राटा धाविका बनने के लिए हाई स्कूल में मुझे अपने दौड़ने के तरीके को पूरी तरह से बदलना पड़ा क्योंकि मेरा दौड़ने का तरीका सही नहीं था, इससे मैं रेस नहीं जीत पाती।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लोग कहते थे ‘वह अच्छी शुरुआत करती है लेकिन अच्छी फिनिशर नहीं है’ और मुझे ये बातें सुनकर निराशा होती थी क्योंकि मुझे लगता था कि मैं अच्छी तरह से रेस को खत्म कर सकती हूं।’’

शेली एन ने कहा, ‘‘मुझे जिम में अधिक मजबूत होना पड़ा। अगर मुझे अपनी 100 मीटर दौड़ को बेहतर करना था तो मुझे 200 मीटर में अधिक दौड़ना पड़ा। मुझे खुद को अधिक चुनौती देनी पड़ी’’

तीन ओलंपिक और 10 विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण पदक जीतने वाली शेली एन ने कहा कि जमैका के किंग्सटन के वाटरहाउस जिले में बड़े होते समय उनके बड़े लक्ष्य नहीं थे।

उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं छोटी थी तो मुझे विश्वास नहीं था कि मैं आज जैसी इंसान बन पाऊंगी। मुझे कभी अधिक प्रेरणा नहीं मिली और मेरे आदर्श भी अधिक नहीं थे इसलिए मैं यह सोचते हुए बड़ी हुई कि मेरे लिए चीजें मुमकिन नहीं हैं।’’

शेली एन ने कहा, ‘‘(लेकिन) एक बार जब आप अपना मकसद जान लेते हैं तो आप उन चीजों को करने पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करते हो। मेरे लिए यह विश्वास और निरंतरता है जिसने फर्क पैदा किया है।’’

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