मुंबई, 10 दिसंबर (भाषा) इंडिगो ने बुधवार को दिल्ली और मुंबई सहित तीन प्रमुख हवाई अड्डों पर लगभग 220 उड़ानें रद्द कर दीं, जबकि कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पीटर एल्बर्स ने दावा किया था कि एयरलाइन का परिचालन फिर से पटरी पर आ गया है।
सूत्रों के अनुसार, संकटग्रस्त एयरलाइन ने दिल्ली हवाई अड्डे पर 137 उड़ानें और मुंबई हवाई अड्डे पर 21 उड़ाने रद्द कर दीं।
सूत्रों के अनुसार, इंडिगो ने बेंगलुरु हवाई अड्डे पर 61 उड़ानें रद्द कर दीं, जिनमें 35 आगमन और 26 प्रस्थान उड़ानें शामिल हैं।
एल्बर्स ने मंगलवार को दावा किया था कि एयरलाइन ‘‘फिर से पटरी पर आ गई है’’ और इसका संचालन “स्थिर” है, जबकि सरकार ने इंडिगो के शीतकालीन उड़ान कार्यक्रम में 10 प्रतिशत या प्रतिदिन स्वीकृत लगभग 2,200 उड़ानों में से लगभग 220 उड़ानों की कटौती की है।
इंडिगो ने अकेले मंगलवार को छह महानगरों से 460 उड़ानें रद्द कर दी थीं।
एल्बर्स ने यह भी कहा कि लाखों ग्राहकों को उनके टिकट का पूरा शुल्क लौटाया जा चुका है। हालांकि, उन्होंने कोई विशिष्ट संख्या नहीं बताई, लेकिन उन लोगों को मुआवजे के मुद्दे पर चुप्पी साधे रखी जिनकी उड़ानें अचानक रद्द कर दी गईं, जिनकी उड़ानों में बहुत देरी हुई या जिनकी सहमति के बिना उड़ानें पुनर्निर्धारित की गईं।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के यात्री चार्टर के मुताबिक, अगर कोई विमानन कंपनी प्रस्थान से कम से कम दो हफ्ते पहले यात्री को उसकी उड़ान रद्द होने की सूचना देने में विफल रहती है, तो मुआवजा देना कानूनी रूप से अनिवार्य है और इसकी राशि उड़ान की अवधि पर निर्भर करती है।
सुरक्षा नियमों को लेकर सख्त योजना बनाने में विफल रहने के बाद इंडिगो ने देशभर में हजारों उड़ानें रद्द कर दी हैं जिससे यात्रियों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, अन्य घरेलू विमानन कंपनियों के किराए में वृद्धि हो रही है और पूरे भारत के हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी मची हुई है।
एक दिसंबर से शुरू हुई यह स्थिति पांच दिसंबर तक जारी रहने के बाद सरकार ने अंततः हस्तक्षेप किया और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एल्बर्स और इंडिगो के मुख्य परिचालन अधिकारी इसिड्रो प्रोक्वेरास, जो राहुल भाटिया के नियंत्रण वाली कंपनी के लिए जवाबदेह प्रबंधक भी हैं, को कारण बताओ नोटिस जारी किया और हवाई किराये पर सीमा लगाने का भी आदेश दिया।