जूनियर विश्व कप में आयरलैंड के लिये खेल रहे हैं भारतीय पुरूष हॉकी कोच फुल्टोन के बेटे जैक

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चेन्नई, पांच सितंबर (भाषा) भारत में हॉकी खेलने के रोमांच और दर्शकों के जुनून के किस्से उन्होंने अपने पिता से सुन रखे थे लेकिन भारतीय पुरूष हॉकी टीम के मुख्य कोच क्रेग फुल्टोन के बेटे जैक ने जब अपने पिता की ‘कर्मभूमि’ पर आयरलैंड के लिये जूनियर विश्व कप में पदार्पण किया तो उनकी हौसलाअफजाई के लिये पिता दर्शक दीर्घा में नहीं थे ।

इस महीने अपना सत्रहवां जन्मदिन मनाने जा रहे जैक ने मदुरै में कनाडा के खिलाफ आयरलैंड के लिये विश्व कप में पहला मैच खेला जब उनके पिता क्रेग भारतीय पुरूष हॉकी टीम के साथ मलेशिया के इपोह में सुल्तान अजलन शाह कप टूर्नामेंट में व्यस्त थे ।

चेन्नई में स्विटजरलैंड के खिलाफ क्लासीफिकेशन मैच में 5-2 से मिली जीत के बाद जैक ने भाषा से खास बातचीत में कहा ,‘‘ मैं इससे पहले एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी के दौरान यहां आ चुका हूं । लोगों का हॉकी के लिये जुनून देखकर बहुत रोमांचित हूं और यह स्टेडियम भी काफी बड़ा है । यहां खेलकर अच्छा लगा ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ मैने अपने पिता से भारत के लोगों के बारे में और हॉकी के लिये उनके प्यार के बारे में बहुत सुना है । हम हॉकी पर बात करते हैं लेकिन यहां कैसे खेलना है या स्टेडियम कैसे हैं, इस तरह की कोई तकनीकी बात नहीं हुई ।’’

यह पूछने पर कि क्या उन्हे पदार्पण के दौरान अपने पिता की कमी खली, टूर्नामेंट के सबसे युवा खिलाड़ियों में से एक जैक ने कहा ,‘‘ निश्चित तौर पर । लेकिन मैं समझ सकता हूं कि उनका भारतीय टीम के साथ कैलेंडर पहले से तय था जबकि मेरा आयरलैंड टीम में चयन पिछले महीने ही हुआ है । लेकिन मैने उन्हें मिस किया ।’’

जैक के पिता क्रेग और मां नताली दोनों दक्षिण अफ्रीका के लिये अंतरराष्ट्रीय हॉकी खेल चुके हैं । क्रेग ने 1996 अटलांटा ओलंपिक और 2004 एथेंस ओलंपिक में भाग लिया जिसके बाद वह कोचिंग की ओर मुड़़ गए । वहीं नताली ने 2002 विश्व कप और 2004 ओलंपिक खेला ।

क्रेग और नताली एक ही ओलंपिक (2004 एथेंस) में दक्षिण अफ्रीका के लिये खेलने वाले पहले युगल थे ।

यह पूछने पर कि क्या हॉकी उन्हें विरासत में मिली है , जैक ने कहा ,‘‘मैने बहुत कम उम्र में ही खेलना शुरू कर दिया था चूंकि मेरे माता पिता दोनों हॉकी खेलते थे तो कह सकते हैं कि यह मेरे खून में था । मुझे हॉकी से बचपन से प्यार रहा है ।’’

जैक के जन्म के समय क्रेग आयरलैंड की सीनियर पुरूष टीम के सहायक कोच थे । वह आयरिश पुरूष हॉकी लीग में पेम्ब्रोक वांडरर्स के साथ भी खेले जिसके लिये उनके बेटे जैक भी अब खेलते हैं ।

यह पूछने पर कि दक्षिण अफ्रीका की बजाय उन्होंने आयरलैंड के लिये खेलना क्यों चुना, जैक ने कहा ,‘‘ मेरा जन्म आयरलैंड में हुआ और मैं बचपन से वहीं रहा हूं तो उसी के लिये खेलना था ।’’

दोहरी नागरिकता होने के कारण क्या वह भविष्य में दक्षिण अफ्रीका के लिये खेलना चाहेंगे, यह पूछने पर उन्होंने कहा ,‘‘मैने अभी इस बारे में सोचा नहीं है । अभी कैरियर की शुरूआत ही है लेकिन शायद आयरलैंड के लिये ही खेलूंगा ।’

अपने पिता को अपना आदर्श मानने वाले स्कूल के छात्र जैक ने टीम के प्रदर्शन पर संतोष जताते हुए कहा ,‘‘ यह टूर्नामेंट बहुत अच्छा रहा है । दो मैच हारने के बाद हम पिछले मैच में मजबूती से वापिस आये । यहां से काफी कुछ सीखने को मिलेगा ।’’

आयरलैंड ने कनाडा को पहले मैच में 4-3 से हराया जबकि दूसरे मैच में दक्षिण अफ्रीका से 1-2 से हार गया । इसके बाद जर्मनी ने उसे 5-1 से हराया लेकिन क्लासीफिकेशन मैच में आयरलैंड ने स्विटजरलैंड को 5-2 से मात दी ।

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