भारत वैश्विक कर पारदर्शिता में अग्रणी: ओईसीडी अधिकारी

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नयी दिल्ली, 14 दिसंबर (भाषा) आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) की एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कर चोरी के खिलाफ पारदर्शिता के उपायों को लागू करने में भारत एक अग्रणी देश के रूप में उभरा है।

अधिकारी ने बताया कि करदाताओं से उनकी अघोषित विदेशी संपत्तियों की सही जानकारी लेने के लिए हाल ही में चलाए गए अभियान के चलते 29 हजार करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की विदेशी संपत्तियों का खुलासा हुआ है।

ओईसीडी सचिवालय की प्रमुख जायदा मनाटा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में बताया कि ये उल्लेखनीय परिणाम वैश्विक कर पारदर्शिता और सूचनाओं के स्वचालित आदान-प्रदान के मानकों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

मनाटा हाल ही में दो से चार दिसंबर के बीच नयी दिल्ली में आयोजित कर पारदर्शिता और सूचना विनिमय पर वैश्विक मंच की वार्षिक पूर्ण बैठक में भाग लेने आई थीं। इस वैश्विक मंच से 172 देश जुड़े हुए हैं।

ओईसीडी एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो आर्थिक और सामाजिक नीतियों को बढ़ावा देने के लिए कार्य करती है।

उन्होंने कहा, ”भारत कर पारदर्शिता के क्षेत्र में अग्रणी है और वर्ष 2009 से वैश्विक मंच के कार्यों का समर्थन करता आ रहा है। वर्ष 2025 की वैश्विक मंच की पूर्ण बैठक की मेजबानी नयी दिल्ली में किया जाना इस बात का प्रमाण है कि भारत लगातार वैश्विक मंच के कार्यों और विदेश स्थित कर चोरी के विरुद्ध संघर्ष का समर्थन कर रहा है।”

विदेश स्थित कर चोरी के विरुद्ध लड़ाई के संदर्भ में भारत से ओईसीडी की अपेक्षाओं पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में मनाटा ने कहा कि भारत कर पारदर्शिता और सूचना विनिमय के मानकों के अंतर्गत अपनी प्रतिबद्धताओं और आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है।

उन्होंने कहा, ”वित्तीय खातों से संबंधित जानकारी के स्वचालित आदान-प्रदान के मामले में भारत के पास आवश्यक कानूनी ढांचा उपलब्ध है और इसे लागू करने के लिए वह सही राह पर है।”

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