विशाखापत्तनम, सात दिसंबर (भाषा) गौतम गंभीर की बल्लेबाजी संयोजन में बदलाव करने की आदत अक्सर कड़ी जांच के घेरे में रही है, लेकिन भारतीय टीम के मुख्य कोच ने कहा कि सीमित ओवरों की क्रिकेट में ‘‘बल्लेबाजी क्रम को जरूरत से ज्यादा महत्व दिया जाता है’’ और इस तरह से उन्होंने संकेत दिया कि वह अपने भरोसेमंद तरीकों पर कायम रहेंगे।
भारतीय टीम के इस संयोजन के कारण सलामी बल्लेबाज रुतुराज गायकवाड़ को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई एकदिवसीय श्रृंखला में नंबर चार पर बल्लेबाजी करनी पड़ी, जबकि ऑलराउंडर वाशिंगटन सुंदर की जगह पक्की नहीं रही।
गंभीर ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे श्रृंखला में जीत के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा,‘‘मेरा मानना है कि वनडे प्रारूप में आपको पता होना चाहिए कि आप किस तरह से खेलना चाहते हैं। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि सीमित ओवरों की क्रिकेट में सलामी बल्लेबाजों के संयोजन को छोड़कर बल्लेबाजी क्रम को जरूरत से ज्यादा महत्व दिया जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘टेस्ट क्रिकेट में निश्चित रूप से आपके पास एक निश्चित बल्लेबाजी क्रम होना चाहिए, लेकिन सफेद गेंद के प्रारूप में इसे (बल्लेबाजी क्रम) बहुत ज्यादा महत्व दिया जाता है।’’
अपनी बात को पुख्ता करने के लिए उन्होंने वॉशिंगटन का उदाहरण दिया, जो प्रत्येक मैच में अलग-अलग भूमिका निभा रहा है।
गंभीर ने कहा, ‘‘ आप उस खिलाड़ी की बात कर रहे हैं जिसने मैनचेस्टर में 100 और ओवल में 50 रन बनाए और जिसका टेस्ट मैचों में औसत 40 से ज़्यादा है। कभी-कभी आपको संतुलन पर भी ध्यान देना होता है। मुझे पता है कि वाशी (सुंदर) जैसे खिलाड़ी के लिए यह मुश्किल होता है, लेकिन फिर भी मुझे लगता है कि उसने तीसरे, पांचवें और आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए अहम योगदान दिया है।’’
गंभीर ने कहा, ‘‘वह इसी तरह के जज्बे का खिलाड़ी है और हम टीम में इसी तरह का खिलाड़ी चाहते हैं जो चेहरे पर मुस्कान के साथ टीम के लिए सब कुछ करने को तैयार हो। एक बल्लेबाज के रूप में मैं जानता हूं कि यह कितना मुश्किल काम है। मुझे यकीन है कि वह ऐसा करना जारी रखेगा। भारतीय क्रिकेट में उसका भविष्य उज्ज्वल है।’’
भारतीय कोच ने स्वीकार किया कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे श्रृंखला के तीनों मैच में परिणाम को प्रभावित करने में ओस की बड़ी भूमिका रही।
उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि साल के इस समय में टॉस बहुत बड़ी भूमिका निभा सकता है क्योंकि जब आप पहले गेंदबाज़ी करते हैं या जब आप दूसरी पारी में गेंदबाज़ी करते हैं तो बहुत फर्क़ पड़ता है। हमारे गेंदबाज़ों को पहले दो मैच में इसका एहसास हुआ।’’
गंभीर को हालांकि लगता है कि पांच मैचों की टी20 श्रृंखला के दौरान ओस का मैचों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ इसका शायद टी20 पर खास असर नहीं पड़ेगा क्योंकि दोनों टीमों को ओस के साथ सामंजस्य बिठाना होगा। वनडे में पहले गेंदबाज़ी करने वाली टीम को ओस नहीं मिलती जबकि बाद में गेंदबाज़ी करने वाली टीम को पूरे 50 ओवर तक ओस मिलती है। लेकिन टी20 में, जब मैच सात बजे शुरू होता है तो दोनों टीमों के लिए ओस समान होती है।’’