अदीस अबाबा, 17 दिसंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को इथियोपिया यात्रा के नतीजों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कई समझौतों पर हस्ताक्षर किया जाना ‘‘विकास और जन-केंद्रित विकास’’ पर आधारित द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक ‘‘महत्वपूर्ण’’ कदम है।
प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को इथियोपिया की पहली द्विपक्षीय यात्रा पर पहुंचे थे। इस दौरान भारत और इथियोपिया ने अपने ऐतिहासिक संबंधों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक उन्नत किया।
उन्होंने अपने इथियोपियाई समकक्ष अबी अहमद अली के साथ व्यापक मुद्दों पर बातचीत भी की, जिसके बाद दोनों नेताओं की मौजूदगी में तीन समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान हुआ।
ये समझौता ज्ञापन संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना अभियानों के प्रशिक्षण, सीमा शुल्क मामलों में पारस्परिक प्रशासनिक सहायता और इथियोपिया के विदेश मंत्रालय में डेटा सेंटर की स्थापना से संबंधित हैं।
दोनों पक्षों ने संबंधों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक बढ़ाने, जी-20 के तहत ऋण पुनर्गठन, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की अधिक छात्रवृत्तियों, इथियोपियाई नागरिकों के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) पर लघु पाठ्यक्रम तथा मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य सेवाओं के समर्थन की भी घोषणा की।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ये हमारी लंबी समय से चली आ रही और भरोसेमंद साझेदारी को आगे बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।’’
उन्होंने कहा कि शासन, शांति स्थापना से लेकर डिजिटल क्षमता और शिक्षा तक, ध्यान लोगों को सशक्त बनाने पर बना हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘ज्ञान, कौशल और नवाचार पर जोर हमारे इस साझा विश्वास को दर्शाता है कि हम युवाओं को भविष्य को आकार देने वाला मानते हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग मानव गरिमा और सबसे कमजोर वर्ग की देखभाल के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दिखाता है। ये परिणाम दर्शाते हैं कि भारत-इथियोपिया साझेदारी विकास और जन-केंद्रित विकास पर आधारित है।’’
बुधवार को विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक संबंध) सुधाकर दलेला ने प्रेस वार्ता में बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ साझा लड़ाई में इथियोपिया के मजबूत समर्थन के लिए प्रधानमंत्री अबी अहमद का आभार जताया।
जॉर्डन से यहां पहुंचे मोदी को इथियोपिया का सर्वोच्च सम्मान ‘द ग्रेट ऑनर निशां ऑफ इथियोपिया’ भी प्रदान किया गया। यह सम्मान पाने वाले वह पहले वैश्विक राष्ट्राध्यक्ष हैं।
प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे और ‘‘लोकतंत्र की जननी’’ के रूप में भारत की यात्रा तथा भारत-इथियोपिया साझेदारी द्वारा ‘ग्लोबल साउथ’ को दिए जा सकने वाले योगदान पर अपने विचार साझा करेंगे।
इथियोपिया के बाद प्रधानमंत्री अपनी तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में ओमान जाएंगे।