वन क्षेत्रों का विनाश नहीं रोका गया तो मणिपुर को करना पड़ सकता है अस्तित्व के संकट का सामना: बीरेन

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इंफाल, चार दिसंबर (भाषा) मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि यदि जंगलों को व्यापक स्तर पर हो रहे नुकसान के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो राज्य को अस्तित्व के संकट का सामना करना पड़ सकता है।

कांगपोकपी में कथित रूप से अवैध पोस्त (पॉपी) की खेती और वनों की कटाई का एक वीडियो साझा करते हुए सिंह ने कहा कि यह वीडियो दिखाता है कि राज्य में बार-बार बाढ़ क्यों आ रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह फुटेज कांगपोकपी जिले के टी. वाइचोंग उप मंडल के अंतर्गत आईटी-रोड के कोलटेन और सेल्सी हिल रेंज में पोस्ता की खेती को दर्शाता है। एक ओर हम एक-दूसरे को नीचा दिखाने में लगे हैं, दूसरी ओर हमारे सारे जंगल नष्ट हो रहे हैं। हमारे किसी भी नेता ने बड़े पैमाने पर हो रहे इस विनाश के खिलाफ आवाज नहीं उठाई है।’’

भाजपा नेता सिंह ने बुधवार रात ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘वन विभाग के अधिकारियों ने अब तक दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? संदेह है कि सशस्त्र उग्रवादी इन गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हैं। अगर हम ठोस कदम नहीं उठाएंगे, तो राज्य के अस्तित्व के सामने संकट खड़ा हो जाएगा।’’

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