नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) टोल नाकों पर विवाद और मारपीट की घटनाएं होने की बात स्वीकार करते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि अब यहां कैमरे लगने के कारण कोई व्यक्ति नहीं रहेगा, जिससे विवाद की आशंका समाप्त हो जाएगी।
गडकरी ने राज्यसभा में पूरक प्रश्नों के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘अभी कोई व्यक्ति नहीं खड़ा रहेगा टोल नाकों पर। कोई रोकेगा नहीं, कोई टोकेगा नहीं, कोई झगड़ेगा नहीं, कोई गुंडागर्दी नहीं।’’
उन्होंने कहा कि वहां कैमरा काम करेगा और एक प्रकार से यह समस्या समाप्त हो जाएगी।
भारतीय जनता पार्टी के लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने उनसे प्रश्न पूछा कि टोल नाकों पर होने वाली हिंसक घटनाओं और झगड़ों को रोकने के लिए क्या उपाय किए गए हैं?
इसके जवाब में गडकरी ने स्वीकार किया कि टोल नाकों पर पहलवान और विशेष तरह के लोग रहते थे। उन्होंने स्वीकार किया कि ऐसे लोग, ‘‘गुंडागर्दी करते थे, जबरदस्ती करते थे, लाठियां मारते थे, अपमानजनक व्यवहार करते थे…यह सच है। अब इन सब की छुट्टी हो जाएगी। अब कोई दिखेगा नहीं, आप चिंता मत करिए।’’
गडकरी ने टैग योजना के बारे में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि देश में करीब एक हजार टोल नाके हैं जहां पहले नकदी से लेनदेन होता था और फिर फास्ट टैग व्यवस्था शुरू की गयी। उन्होंने कहा कि अब मल्टी लेयर व्यवस्था की शुरुआत हो रही है।
उन्होंने कहा कि इस नयी व्यवस्था के लिए दस अनुबंध दिये गये हैं और दस अभी प्रक्रियागत हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने तय किया है कि दिसंबर 2026 तक पूरे देश में यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।
परिवहन मंत्री ने कहा कि फास्ट टैग से संबंधित धोखाधड़ी के 6,725 मामले सामने आये हैं। उन्होंने कहा कि अभी सरकार ने ‘एक वाहन, एक फास्ट टैग’ की नीति शुरू की है, फिर इसमें नंबर प्लेट को भी जोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस नयी नीति के कारण किसी वाहन के लिए फास्ट टैग लेना और उससे कोई अन्य वाहन टोल से निकल जाने की घटनाएं बहुत ही कम हो गयी हैं।