बिहार की 18वीं विधानसभा का प्रथम सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

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पटना, पांच दिसंबर (भाषा) बिहार की 18वीं विधानसभा का पांच दिवसीय सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।

सोमवार से शुरू हुआ विधानसभा का सत्र शुक्रवार के लिए ही आहूत किया गया था जिसकी शुरुआत नवनिर्वाचित विधायकों के शपथग्रहण से हुई।

सत्र के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार को सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष और जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) के नरेन्द्र नारायण यादव को उपाध्यक्ष चुना गया।

इसी सत्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सदन का नेता तथा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव को नेता प्रतिपक्ष के रूप में चुना गया।

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने तीन दिसंबर को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि राज्य सरकार ने अगले पांच वर्षों में “एक करोड़ रोजगार” सृजित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत में ‘‘मतदाताओं, विशेष रूप से महिलाओं’’ की बड़ी संख्या में भागीदारी की सराहना की और विधानसभा चुनाव को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए निर्वाचन आयोग की प्रशंसा की।

विधानसभा अध्यक्ष ने अपने समापन संबोधन में कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए 37,498 करोड़ रुपये से अधिक का द्वितीय अनुपूरक बजट सत्र के दौरान पारित किया गया। इसके अलावा ग्रामीण विकास विभाग के लिए 24,050 करोड़ रुपये के प्रावधान को भी सदन ने मंजूरी दी।

नवगठित सदन में भाजपा 89 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि जद(यू) के पास 84 और लोजपा (रामविलास) के पास 19 विधायक हैं। 2020 में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी राजद इस बार मात्र 25 सीट पर सिमट गई। राज्य की 243 सदस्यीय विधानसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पास 202 विधायकों के साथ स्पष्ट बहुमत है।

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