बिहार: प्रकाश पर्व की तैयारियों की मुख्यमंत्री नीतीश ने की समीक्षा

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पटना, 26 दिसंबर (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को सिखों के 10वें गुरु गुरु गोबिंद सिंह की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित 359वें ‘प्रकाश पर्व’ से जुड़े समारोहों की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था और उन्हें उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं का जायजा लिया। यह जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी बयान में दी गई।

इसमें कहा गया है कि नीतीश ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी श्रद्धालु को असुविधा न हो और इसके लिए व्यवस्थाओं की “सूक्ष्म स्तर” पर निगरानी की जाए।

बयान के अनुसार, बृहस्पतिवार से शुरू हुए ये समारोह 28 दिसंबर तक चलेंगे। मुख्यमंत्री पटना साहिब गुरुद्वारा स्थित ‘प्रकाश पुंज’ पहुंचे और उसके सामने निर्माणाधीन ‘वॉच टॉवर’ का निरीक्षण किया।

उन्होंने अधिकारियों को निर्माण कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया। बयान में उनके हवाले से कहा गया, ‘टॉवर’ के पूरा हो जाने के बाद श्रद्धालु ‘प्रकाश पुंज’ को और अधिक स्पष्ट रूप से देख सकेंगे।”

बयान में बताया गया कि गुरु गोबिंद सिंह के जन्मस्थल के रूप में प्रतिष्ठित सिख तीर्थ स्थल ‘प्रकाश पुंज’ के आसपास के क्षेत्र को हरित और आकर्षक स्वरूप में विकसित किया जा रहा है, जहां आगंतुकों के लिए बैठने की व्यवस्था भी की जा रही है।

इसके बाद कुमार ने पटना के मालसलामी स्थित नवनिर्मित ओपी शाह सामुदायिक भवन का निरीक्षण किया। उन्होंने श्रद्धालुओं को दी जा रही सुविधाओं की विस्तृत जानकारी ली और स्वच्छता एवं सुरक्षा को लेकर विशेष निर्देश दिए।

मौके पर मौजूद श्रद्धालुओं ने भवन में की गई व्यवस्थाओं के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। एक श्रद्धालु ने कुमार से कहा, “आपने बहुत अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित की है। हम बेहद खुश हैं कि हमारी सभी सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। आपसे बेहतर व्यवस्था कोई नहीं कर सकता था।”

मुख्यमंत्री ने कंगन घाट का भी दौरा किया, जहां उन्होंने श्रद्धालुओं के लिए स्थापित ‘टेंट सिटी’ का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि यहां बहुस्तरीय पार्किंग सुविधा का निर्माण किया जाएगा।

कुमार ने पटना साहिब गुरुद्वारा के वैश्विक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “यह बिहार के लिए गर्व की बात है कि गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज का जन्म यहां हुआ। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु यहां से सुखद स्मृतियों के साथ लौटें।”

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