ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए व्यवहार में बदलाव आवश्यक: राष्ट्रपति मुर्मू

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नयी दिल्ली, 14 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को कहा कि देश के सभी क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता लाने के लिए हर नागरिक में व्यवहारिक परिवर्तन बेहद जरूरी है।

राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रकृति के साथ संतुलित जीवन शैली अपनाने की चेतना भारत की सांस्कृतिक परंपरा का मूल है। यही विचार ‘लाइफस्टाइल फॉर एन्वायरनमेंट – लाइफ’ के माध्यम से पूरी दुनिया तक पहुंचाया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ”भारत के ऊर्जा परिवर्तन की सफलता के लिए हर क्षेत्र और हर नागरिक की भागीदारी आवश्यक है। सभी क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता लाने के लिए व्यवहार में बदलाव बेहद जरूरी है।”

राष्ट्रपति ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण सबसे पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा का सबसे विश्वसनीय स्रोत है। ऊर्जा संरक्षण केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि आज की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है। ऊर्जा का बुद्धिमानी से, जिम्मेदारी से और कुशलता से उपयोग करना है।

उन्होंने कहा, ”जब हम अनावश्यक विद्युत उपकरणों के उपयोग से बचते हैं, ऊर्जा-कुशल उपकरण अपनाते हैं, घरों और कार्यस्थलों में प्राकृतिक प्रकाश और वेंटिलेशन का उपयोग करते हैं या सौर और नवीकरणीय ऊर्जा विकल्प अपनाते हैं, तो हम न केवल ऊर्जा बचाते हैं बल्कि कार्बन उत्सर्जन को भी कम करते हैं।”

राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि ऊर्जा संरक्षण स्वच्छ हवा, सुरक्षित जल स्रोत और संतुलित परिवेश बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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