भाजपा का ‘400 पार’ का नारा सफल हुआ, दिल्ली में एक्यूआई 400 पार हुआ : बीजद सदस्य सुलता देव

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नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) राज्यसभा में बृहस्पतिवार को केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के लोकसभा चुनाव के दौरान एक नारे को लेकर बीजू जनता दल की सुलता देव ने कटाक्ष किया कि सत्तासीन दल का ‘‘400 पार’’ का नारा सफल हो गया और दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘‘400 पार’’ जा चुका है।

शून्यकाल के दौरान सुलता ने कहा कि दिल्ली में तो वायु प्रदूषण खतरनाक रूप ले चुका है और यहां पर एक्यूआई 400 पार हो चुका है। उन्होंने कहा ‘‘ ‘‘400 पार का नारा सफल हो गया है। दिल्ली में एक्यूआई 400 पार जा चुका है।’’

लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान सत्ताधारी भाजपा ने ‘‘अब की बार, 400 पार’’ का नारा दिया था। सुलता इसे लेकर ही सत्तारूढ़ दल पर तंज कर रही थीं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, एक्यूआई शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 को ‘मध्यम’, 201-300 को ‘खराब’, 301-400 को ‘बहुत खराब’ और 401-500 को ‘गंभीर’ माना जाता है।

सुलता ने कहा कि देश का कोई भी हिस्सा वायु प्रदूषण से बच नहीं पा रहा है और दिल्ली में तो एक्यूआई 400 के आगे जा चुका है। इसके दुष्प्रभावों की वजह से बच्चे, बूढ़े, जवान सभी प्रभावित हो रहे हैं। ‘‘दिल्ली और दूसरे राज्यों में यह समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। इस समस्या का समाधान बेहद जरूरी है क्योंकि वायु प्रदूषण की वजह से फेफड़ों की बीमारी बढ़ रही है।’’

उन्होंने कहा कि विकास और औद्योगिकीकरण जरूरी है लेकिन इसके लिए पेड़ काटना जरूरी नहीं है। ‘‘ओडिशा के छेंडीपदा में नौ करोड़ पेड़ काटने की अनुमति दे दी गई है। कोयला खदान के विस्तार के लिए यह किया जा रहा है। एक पूरा जंगल काटा जा रहा है। क्या विकास इस तरह होता है?’’

सुलता देव ने कहा कि पराली जलाना बंद करना चाहिए, औद्योगिक इकाइयों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण के लिए कोई समाधान निकाला जाना चाहिए।

यही मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस की रंजीत रंजन ने कहा कि वायु प्रदूषण के कारण करीब दस साल से दिल्ली के लोग जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं और अब तो डॉक्टर भी सलाह देते हैं कि वायु प्रदूषण बढ़ने के कारण ठंड के समय दिल्ली छोड़ देना चाहिए। ‘‘पौने तीन करोड़ लोग कैसे दिल्ली छोड़ सकते हैं ? आम आदमी कैसे दिल्ली छोड़ कर जा सकता है ? यहां तो देश भर से लोग रोजगार के लिए आते हैं।’’

उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में कहा गया कि 2024 में करीब 17 लाख लोग वायु प्रदूषण के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं और देश का कोई भी हिस्सा वायु प्रदूषण से नहीं बचा है।

रंजन ने कहा ‘‘मुझे प्रधानमंत्री की चिंता होती है, वह वरिष्ठ नागरिक हैं। वह 75 प्लस हैं। मुझे बच्चों की चिंता होती है, वे देश का भविष्य हैं। प्रधानमंत्री के आसपास तो कई एयर प्यूरीफायर लग जाएंगे लेकिन आम आदमी क्या करेगा ?’’

उन्होंने कहा कि अब लोगों को सलाह दी जाती है कि सुबह सैर के लिए न जाएं, सुबह खेलों का अभ्यास करने न निकलें।

उन्होंने कहा कि इस समस्या का हल ‘‘चुनावी मोड’’ में नहीं निकलेगा और इस समस्या के लिए हम सभी दोषी हैं। ‘‘हमें प्रकृति जो कुछ देती है, उसे हमने ही प्रदूषित किया है और कठोर कदम उठा कर अपनी गलती हमें ही सुधारनी होगी।’’

शून्यकाल में ही बीजद के देवाशीष सामंतराय, कांग्रेस के चंद्रकांत दामोदर हंडोरा, अजय माकन, माकपा के जॉन ब्रिटास, राकांपा की डॉ फौजिया खान, भाजपा के सदानंद महालू शेट तानावड़े, सुभाष बराला, डॉ भगवत कराड, बंशीलाल गुर्जर और कविता पाटीदार ने भी आसन की अनुमति से लोक महत्व से जुड़े विभिन्न मुद्दे उठाए।

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