गृह लक्ष्मी योजना के तहत धनराशि वितरित नहीं होने तक भाजपा विरोध प्रदर्शन करेगी: अशोक

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बेंगलुरु, 24 दिसंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता आर. अशोक ने बुधवार को कहा कि गृह लक्ष्मी योजना के तहत इस साल फरवरी और मार्च महीनों के लिए धन का वितरण नहीं होने के विरोध में पार्टी द्वारा प्रदर्शन शुरू किया जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी राज्यपाल थावरचंद गहलोत से अनुरोध करेगी कि वे कर्नाटक नफरती भाषण और घृणा अपराध (रोकथाम) विधेयक को अपनी सहमति न दें।

इस विधेयक को हाल ही में बेलगावी में समाप्त हुए शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा और विधानमंडल दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया था।

कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता ने यहां पत्रकारों से कहा कि बेलगावी सत्र के दौरान उत्तरी सरकार से कर्नाटक के लिए बड़ी योजनाओं की घोषणा करने की काफी उम्मीदें थीं।

उन्होंने कहा कि लेकिन उत्तरी कर्नाटक के लिए पैकेज की घोषणा करने के बजाय, धनराशि में कटौती की गई।

अशोक ने कहा, ‘‘फरवरी और मार्च के महीनों के लिए गृह लक्ष्मी योजना की लगभग 5,000 करोड़ रुपये की राशि लाभार्थियों को नहीं दी जा सकी। सरकार ने इसमें हेराफेरी की। वित्त विभाग ने इसे छिपाया। हमारा सवाल यह है कि क्या पिछले वित्तीय वर्ष में धन उपलब्ध ही नहीं था और सरकार ने इसे क्यों छिपाया।’’

राज्य सरकार द्वारा चुनाव से पहले किए पांच वादों में से एक गृह लक्ष्मी योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) से संबंधित परिवारों की महिला मुखियाओं को प्रति माह 2,000 रुपये देने वादा किया गया है।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने विधानसभा सत्र के दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी हेब्बलकर की प्रतिक्रिया का तीन दिनों तक इंतजार किया क्योंकि 1.26 करोड़ परिवार बेसब्री से पैसे का इंतजार कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक बड़ा घोटाला है। आज तक मंत्री जी ने फरवरी और मार्च महीनों के लिए गृह लक्ष्मी योजना के पैसे के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा है। उन्होंने बेंगलुरु आना भी बंद कर दिया है।’’

नफरती भाषण और घृणा अपराध (रोकथाम) विधेयक के संबंध में उन्होंने कहा कि इसे दोनों सदनों में बिना किसी चर्चा के जल्दबाजी में पारित कर दिया गया था।

भाजपा नेता ने कहा कि राज्यपाल थावरचंद गहलोत के मध्य प्रदेश से लौटने के बाद पार्टी उनसे संपर्क करेगी और उन्हें समझाएगी कि यह कानून लोगों को कैसे प्रभावित करेगा तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए कैसे समस्याएं पैदा करेगा।

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