सुंदर शरीर नहीं, सुंदर व्यक्तित्व जरूरी है

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क्या आप खूबसूरत नहीं हैं? तो कोई बात नहीं। आपकी तरह बहुत सी ऐसी लड़कियां हैं जो शायद आपसे भी कम खूबसूरत हों, इसलिए अपने आप से घृणा न करें। यदि आपकी शादी नहीं हुई है तो निश्चित तौर पर यह समस्या का कारण है।
यदि आप शादीशुदा हैं तो भी आपका कम खूबसूरत होना समस्या का कारण होगा। यह स्वाभाविक है कि आपके पति आपकी ओर कम आकर्षित होते होंगे मगर यह कोई जरूरी नहीं है कि यदि आप बहुत खूबसूरत होती तो आपके पति अन्य लड़कियों की ओर आकर्षित नहीं होते। यह तो इन मर्दों का काम ही है। हां, यह बात तो है कि यदि आप खूबसूरत होती तो आपके पति आपकी ओर अधिक आकर्षित होते।
शरीर की सुंदरता से ज्यादा महत्वपूर्ण है मन की सुंदरता। आप हमेशा सभी से, खास कर अपने पति से अच्छा व्यवहार करें। अपना व्यक्तित्व निखारें। आपका व्यक्तित्व ऐसा हो जो सबको आपकी ओर आकर्षित करे। अपने पहनावे पर विशेष ध्यान दें। वही कपड़े पहनें जो आप पर जंचते हों। एक खूबसूरत लड़की भी बिना श्रृंगार के अधूरी है अतः यथोचित श्रृंगार भी करें। अपने आपको हमेशा सजा संवरा रखें।
इसके अलावा अपने खान-पान पर भी विशेष ध्यान दें। न तो अधिक खाएं और न ही कम। अधिक खाने से जहां आप कई प्रकार के रोगों से ग्रसित हो सकती हैं वहीं कम खाने से आप कुपोषण का भी शिकार हो सकती हैं। ज्यादा वसायुक्त भोजन से मोटापा हो सकता है। अपच तथा कब्ज जैसी बीमारियों से बची रहें क्योंकि ये आपके शरीर में तरह-तरह के रोग पैदा कर सकते हैं और यह बात तो हर कोई जानता है कि बिना निरोग और स्वस्थ रहे कोई भी व्यक्ति वास्तविक सौंदर्य की कल्पना भी नहीं कर सकता।
सुंदर व्यक्तित्व ही ऐसी चीज है जो हर किसी को पसंद आता है। कई बार ऐसा देखा जाता है कि किसी प्रकार के दबाव या अन्य वजह से किसी पुरूष का ऐसी महिला से विवाह हो जाता है जो उसे पसंद न हो यानी लड़की उसके पसंद के अनुसार सुंदर न हो तो भी बाद में जाकर सिर्फ लड़की अपने अच्छे व्यवहार, सुंदर व्यक्तित्व और अच्छे आचरण के कारण पति का मन जीत लेती है। पति भी पत्नी के प्यार में इतना खो जाता है कि यदि उस समय उसके पास दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की को भी लाया जाय तो वह उसे भी नकार दे। यह स्त्रिायों की एक कला है, उनकी एक अदा है जो पुरूषों को उसके शारीरिक सौंदर्य से ज्यादा लुभाती है।
कई बार तो यह भी देखने को मिलता है कि एक पति अपनी खूबसूरत पत्नी से तंग आकर उसे तलाक दे देता है। इतना ही नहीं, ज्यादा विस्मय तो तब होता है जब वह ऐसी लड़की से दूसरी शादी करता है जो पहली से कहीं कम खूबसूरत थी। यहां यह सोचने लायक बात है कि आखिर उसने अपनी खूबसूरत पत्नी को तलाक क्यों दिया और फिर उसने अपना दूसरा विवाह कम खूबसूरत लड़की से क्यों किया? क्या ये तथ्य यह प्रमाणित नहीं करते कि दांपत्य जीवन में शारीरिक सौंदर्य एक अनिवार्य विषयवस्तु नहीं हैं।
आइए इस विषय में आपकी भ्रांतियां दूर करने के लिए एक ऐसे पुरूष प्रेमी के विचारों से अवगत कराता हूं जिसने अपने मां-बाप द्वारा खूबसूरत लड़की से विवाह के प्रस्ताव को ठुकराकर एक ऐसी लड़की (अपनी प्रेमिका) से विवाह किया जो दिखने में बहुत साधारण रंगरूप वाली थी। मैंने जब उनसे इसका कारण पूछा तो उनका जवाब निश्चित ही गौर करने लायक था। उन्होंने कहा-‘‘जब कोई वस्तु आपको अत्यंत प्रिय हो जाती है तो अन्य वस्तुएं उनके सामने महत्वहीन हो जाता हैं। ठीक उसी तरह जैसे किसी को शराब की लत लग जाये तो उसे दूध या अमृत भी नहीं भाता। शारीरिक सौंदर्य तो दो दिनों की चांदनी है, जिसे आज या कल नष्ट होना है। ठीक इसी तरह की बात तुलसीदास महाकवि तुलसीदास को भी उनकी पत्नी ने समझाया था।
दूसरा अनुभव मेरे एक मित्र का है। वे कहते है कि खूबसूरत लड़कियां अपने सौंदर्य पर घमंड करती हैं। अपनी खूबसूरती के कारण वे न जाने कितने ही पर पुरूषों की नजरों की नूर बन जाती है जिसके कारण उनका सड़क पर चलना-फिरना भी खतरनाक हो जाता है। जहां बार-बार दूसरे व्यक्ति द्वारा खूबसूरती की तारीफ करने पर वह खुशी से फूली नहीं समाती, वहीं वह अपने पति के लिए सदैव शक के दायरे में आती जाती है।
आज सुन्दर पत्नी तो मिल सकती है लेकिन सुंदर व्यक्तित्व वाली पत्नी का अभाव है। इसलिए शारीरिक सौंदर्य के लिए चिंतित न हों। अपनी सही पहचान बनाएं। आत्मविश्वास बनाए रखें और सभी प्रकार के तनाव से मुक्त रहें। फिर  देखें कि कैसे सारे जमाने की खुशियां आपको अपना मेहमान बना लेती है।

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