ट्रंप की शांति योजना में यूक्रेन का कुछ हिस्सा रूस को देने का प्रस्ताव

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वाशिंगटन, 21 नवंबर (एपी) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यूक्रेन युद्ध समाप्त करने की योजना के तहत यूरोपीय देश का कुछ हिस्सा रूस को सौंपने और उसकी सेना का आकार कम करने का प्रस्ताव शामिल किया गया है। यह जानकारी शांति के लिए तैयार मसौदे में दी गई है।

अमेरिका और रूस के बीच हुई बातचीत के आधार पर यह मसौदा तैयार किया गया है, जिसकी एक प्रति ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बृहस्पतिवार को प्राप्त हुई।

यह मसौदा साफ तौर पर रूस के पक्ष में दिखाई देता है।

अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि अमेरिकी टीम ने अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ की यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के शीर्ष सलाहकार रुस्तम उमरोव से बातचीत के तुरंत बाद यह योजना तैयार करना शुरू कर दिया था।

अधिकारी ने बताया कि कई संशोधन करने के बाद उमरोव ने योजना के अधिकतर बिंदुओं पर सहमति जताई और फिर इसे जेलेंस्की के समक्ष प्रस्तुत किया।

अधिकारी के अनुसार, अमेरिकी सैन्य सचिव डैन ड्रिस्कॉल भी बृहस्पतिवार को यूक्रेन की राजधानी कीव में थे और उन्होंने जेलेंस्की के साथ ताजा मसौदे पर चर्चा की।

जेलेंस्की ने इस बारे में सोशल मीडिया पर एक संतुलित बयान दिया, लेकिन प्रस्ताव पर सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा।

उन्होंने लिखा, “यूक्रेन और अमेरिका की हमारी टीमें शांति योजना के प्रावधानों पर मिलकर काम करेंगी। हम ईमानदारी, तेजी से और सकारात्मक माहौल में काम करने के लिए तैयार हैं।”

शांति योजना के तहत रूस को यह वादा करना होगा कि वह भविष्य में कोई हमला नहीं करेगा। इसके अलावा, रूस की 100 अरब डॉलर की जमा संपत्ति को यूक्रेन के पुनर्निर्माण में इस्तेमाल किया जाएगा।

इस पहल के तहत रूस को यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र ‘जापोरिज्जिया’ से उत्पादित आधी बिजली का उपयोग करने की भी अनुमति होगी। इस संयंत्र पर रूस ने युद्ध की शुरुआत में ही कब्जा कर लिया था।

हालांकि, पिछला रुख देखते हुए यह माना जा रहा है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की इस प्रस्ताव को मानने से इनकार कर सकते हैं, क्योंकि वह पहले भी जमीन छोड़ने के ट्रंप के सुझावों का विरोध कर चुके हैं और यूक्रेन के संविधान के तहत ऐसी रियायत देना अवैध है।

यूरोपीय देशों के नेता भी इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि अमेरिका की यह शांति पहल असल में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को उनकी आक्रामकता के लिए इनाम देने जैसी है, जिससे वह कमजोर होने के बजाय और साहस पा सकते हैं।

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