भारत की आतंकवाद रोधी रणनीति में निर्णायक क्षण थी ऑपरेशन सिंदूर की सफलता: राष्ट्रपति मुर्मू

0
wsazwa

नयी दिल्ली, 27 नवंबर (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता देश की आतंकवाद निरोधक और रोकथाम रणनीति के लिए निर्णायक क्षण थी। उन्होंने कहा कि इससे दुनिया ने न सिर्फ भारत की सैन्य क्षमता पर, बल्कि शांति की तलाश में ‘‘मजबूती से, लेकिन जिम्मेदारी से काम करने की उसकी नैतिक स्पष्टता’’ पर भी ध्यान दिया।

यहां सेना की मेजबानी में आयोजित ‘चाणक्य डिफेंस डायलॉग’ के तीसरे संस्करण के उद्घाटन सत्र में अपने भाषण में मुर्मू ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के सभ्यतागत लोकाचारों से निर्देशित होकर ‘‘हमने दिखाया है कि वैश्विक जिम्मेदारी के साथ रणनीतिक स्वायत्तता अस्तित्व में रह सकती है।’’

मुर्मू ने कहा, ‘‘हमारी कूटनीति, हमारी अर्थव्यवस्था और हमारे सशस्त्र बल मिलकर ऐसा भारत प्रस्तुत करते हैं जो शांति चाहता है, लेकिन अपनी सीमाओं और अपने नागरिकों की मजबूती और दृढ़संकल्प के साथ रक्षा करने के लिए तैयार है।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने भारत की संप्रभुता की रक्षा में पेशेवर तरीके और देशभक्ति की मिसाल पेश की है।

मुर्मू ने कहा, ‘‘हर सुरक्षा चुनौती के दौरान, चाहे वह परंपरागत हो, उग्रवाद रोधी हो या मानवीयता से जुड़ी हो, हमारी सेनाओं ने उल्लेखनीय तरीके से अनुकूलनशीलता और संकल्प प्रदर्शित किया है।’’

मंचासीन सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भी इस मौके पर संबोधन दिया।

राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने भाषण में ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख किया, जो मई में पहलगाम हमले के बाद भारत की अहम सैन्य कार्रवाई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर की हालिया सफलता हमारी आतंकवाद निरोधक और रोकथाम रणनीति में एक अहम मोड़ है। दुनिया ने न सिर्फ भारत की सैन्य क्षमता पर ध्यान दिया, बल्कि शांति की तलाश में मजबूती से, लेकिन जिम्मेदारी से काम करने की भारत की नैतिक साफगोई पर भी ध्यान दिया।’’

भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में सात मई को सैन्य कार्रवाई शुरू की थी और पाकिस्तान तथा उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ढांचे को तबाह कर दिया था।

पाकिस्तान ने भी भारत के खिलाफ हमले शुरू किए, और उसके बाद भारत की सभी जवाबी कार्रवाई भी ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गईं।

दस मई की शाम को एक समझौते पर पहुंचने के बाद दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष रुक गया था।

मुर्मू ने अपने भाषण में कहा, ‘‘मुझे यह जानकर खुशी हुई कि अपनी परिचालन भूमिका से परे, भारतीय रक्षा बल देश के विकास का एक अहम हिस्सा बने हुए हैं। हमारी सीमाओं को मजबूत करने के अलावा, उन्होंने अवसंरचना, संपर्क, पर्यटन और शिक्षा के जरिए सीमावर्ती क्षेत्र के विकास में भी मदद की है।’’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज का भूराजनीतिक माहौल ‘तेजी से बदल रहा है’।

सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि हमारे सशस्त्र बल उत्कृष्टता के लिए प्रयास करते रहेंगे और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ेंगे।’’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *