निवेशक सुरक्षा को मजबूत करना नियामक की प्रमुख प्राथमिकता: सेबी प्रमुख

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नयी दिल्ली, 27 नवंबर (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने बृहस्पतिवार को निवेशकों की सुरक्षा को मजबूत करने की जरूरत बतायी। उन्होंने आगाह किया कि गैर-पंजीकृत सलाहकार समूह, लोगों को असुरक्षित कारोबारी माध्यमों की ओर आकर्षित कर रहे हैं और इसलिए अवैध कारोबार के मामले नए डिजिटल प्रारूपों में फिर से सामने आ रहे हैं।

कोयंबटूर में बीएसई द्वारा आयोजित एक क्षेत्रीय निवेशक जागरूकता संगोष्ठी में पांडेय ने कहा कि इस दौर में जहां गलत सूचनाएं तथ्यों से अधिक तेजी से प्रसारित होती हैं। यह चुनौती और भी बढ़ गई है। कारोबार संबंधी धोखाधड़ी वाले ऐप विश्वसनीय लगते हैं, डिजिटल खाते वैधता का दिखावा करते हैं और पक्के रिटर्न का वादा करने वाली ऐसा योजनाएं पेश करते हैं जो कोई भी विनियमित बाजार नहीं दे सकता।

बाजार नियामक के प्रमुख ने खतरे की गंभीरता को दोहराते हुए कहा कि ऐसे ‘‘ गैर-पंजीकृत सलाहकार समूह, लोगों को असुरक्षित व्यापारिक मंचों की ओर आकर्षित करते हैं और इसलिए अवैध कारोबार के मामले नए डिजिटल प्रारूपों में फिर से सामने आ रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि अवैध कारोबार के मामले कोई छिटपुट घटनाएं नहीं हैं बल्कि निवेशकों के विश्वास, जिज्ञासा और आकांक्षाओं का फायदा उठाने के समन्वित प्रयास हैं। इसलिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि लोग ‘अवसर की आड़ में धोखे’ का शिकार न हों।

पांडेय ने कहा कि इसका मुकाबला करने के लिए जागरूकता को डिजिटल मंचों पर सावधानी, जानकारी के साथ संदेह से देखना और कोई भी वित्तीय कदम उठाने से पहले जांच-परख की आदत में बदलना होगा।

उन्होंने कहा कि इसलिए, निवेशक सुरक्षा को मजबूत करना नियामक की प्रमुख प्राथमिकता बन गया है।

सेबी ने इन प्रयासों के तहत यूपीआई से जुड़ा एक मान्य ढांचा पेश किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भुगतान केवल सेबी-पंजीकृत मध्यस्थों की प्रामाणिक यूपीआई आईडी पर ही किए जाएं। बाजार नियामक ने जांच सुविधा का भी विस्तार किया है जिससे निवेशक ‘सेबी इन्वेस्टर’ वेबसाइट और सारथी मोबाइल ऐप पर बैंक खातों की वास्तविकता की तुरंत पुष्टि कर सकते हैं।

यह समझते हुए कि धोखाधड़ी की गतिविधि बिना किसी चेतावनी के हो सकती है निवेशक अब स्वेच्छा से अपने लेनेदने के खातों को ‘फ्रीज’ या ‘ब्लॉक’ कर सकते हैं। यह ठीक वैसे ही है जैसे ‘हैक’ किए गए डेबिट कार्ड को ‘ब्लॉक’ किया जाता है। यह विकल्प तत्काल सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाया गया है।

सेबी ने लोगों को संदिग्ध योजनाओं की पहचान करने में और अधिक सहायता करने के लिए ‘स्पॉट ए स्कैम टूल’ पेश किया है जो उपयोगकर्ताओं की ऑनलाइन प्रामाणिकता सत्यापित करने में मदद करता है।

पांडेय ने बताया कि सेबी ने पिछले 18 महीनों में मेटा, गूगल, टेलीग्राम और एक्स सहित सोशल मीडिया एवं सर्च मंचों पर गैरकानूनी या भ्रामक ऑनलाइन सामग्री के एक लाख से अधिक मामलों को चिह्नित किया है।

उन्होंने कहा कि इसके अनुरूप विनियमित संस्थाओं को सोशल मीडिया पर अनियमित सलाहकारों के साथ जुड़ने की अनुमति नहीं है जिससे झूठे दावों व हानिकारक पेशकशों के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी।

बाजार नियामक सेबी ने इस महीने की शुरुआत में घोषणा की थी कि उसने प्रमुख सोशल मीडिया और इंटरनेट मंचों के साथ संपर्क बढ़ा दिया है। साथ ही उनसे धोखाधड़ीपूर्ण निवेश-संबंधी सामग्री के खिलाफ सुरक्षा उपायों को मजबूत करने का आग्रह किया है।

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