मुंबई, छह नवंबर (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश को बड़े और वैश्विक स्तर के बैंकों की जरूरत है और इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और बैंकों के साथ बातचीत जारी है।
सीतारमण ने 12वें ‘एसबीआई बैंकिंग एंड इकॉनमिक्स’ सम्मेलन-2025 को संबोधित करते हुए वित्तीय संस्थानों से उद्योग जगत के लिए कर्ज प्रवाह को बढ़ाने और व्यापक बनाने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने भरोसा जताया कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में कटौती से मांग बढ़ेगी और इससे कुल मिलाकर निवेश बढ़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘देश को कई बड़े और विश्वस्तरीय बैंकों की जरूरत है…। सरकार इस पर विचार कर रही है और काम शुरू हो चुका है। हम आरबीआई और बैंकों के साथ इस पर चर्चा कर रहे है।’’
सीतारमण ने यह भी कहा कि सरकार का मुख्य जोर बुनियादी ढांचे के निर्माण पर है और पिछले दशक में पूंजीगत व्यय में पांच गुना वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने 2014 से व्यापार को सुगम बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुधारों को आगे बढ़ाया है।
सीतारमण ने कहा कि सरकार ने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से चार लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत की और पिछले दशक में 25 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाला गया।
उन्होंने कहा कि सरकार प्रौद्योगिकी की अगुवाई में वृद्धि पर जोर दे रही है। डेटा (इंटरनेट) की लागत आज कम होकर 10 रुपये प्रति जीबी पर आ गयी है जो 2014 में 300 रुपये प्रति जीबी थी।