कोलकाता, तीन नवंबर (भाषा) हाल के वर्षों में पश्चिम बंगाल में सबसे चर्चित राजनीतिक ‘घर वापसी’ में से एक के रूप में, कोलकाता के पूर्व महापौर शोभन चटर्जी सोमवार को सात साल के अंतराल के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में लौट आए।
वह अपनी साथी बैशाखी बंदोपाध्याय के साथ पार्टी में पुनः शामिल हो गये।
कभी ममता बनर्जी के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में से एक रहे चटर्जी को न्यू टाउन कोलकाता डेवलपमेंट अथॉरिटी (एनकेडीए) का अध्यक्ष नियुक्त किये जाने के कुछ ही दिनों बाद वापसी ने इस अटकल को बल दिया है कि सत्तारूढ़ पार्टी 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले अपने पुराने नेताओं को एकजुट कर रही है।
चटर्जी और बंदोपाध्याय वरिष्ठ टीएमसी नेताओं की उपस्थिति में कोलकाता में औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल हो गए, जिससे उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर वर्षों से चल रही अटकलों का अंत हो गया।
पार्टी में शामिल होने के बाद चटर्जी ने कहा, “यह मेरी जड़ों की ओर वापसी है। दीदी (ममता बनर्जी) परिवार की तरह हैं। मैं वापस आकर खुश हूं और उनके नेतृत्व में फिर से काम करूंगा।”
चटर्जी ने नवंबर 2018 में व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए मंत्री, महापौर और संगठनात्मक प्रमुख के पद से इस्तीफा देकर टीएमसी छोड़ दी थी।
इसके बाद वे भाजपा में शामिल हो गए, लेकिन पार्टी में उनका कार्यकाल अल्पकालिक और आंतरिक कलह से प्रभावित रहा।
चटर्जी और बंदोपाध्याय ने 2021 के विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी के प्रदेश नेतृत्व पर “अपमान और विश्वासघात” का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी छोड़ दी थी।
तब से, उनके टीएमसी में वापस लौटने की अटकलें लगातार लग रही थीं, जो आखिरकार सोमवार को सच साबित हुईं।