प्रथम श्रेणी मैचों के बीच सीमित ओवरों के मैचों से खिलाड़ी मानसिक रूप से तरोताजा रहते हैं: शारदुल

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मुंबई, 19 नवंबर (भाषा) भारतीय ऑलराउंडर और मुंबई के कप्तान शारदुल ठाकुर ने बुधवार को कहा कि घरेलू सत्र के दौरान लाल गेंद के मैचों के बीच कुछ सीमित ओवरों के मैच खेलने से खिलाड़ियों को मानसिक रूप से तरोताजा रहने में मदद मिलती है।

शारदुल ने रणजी ट्रॉफी के मौजूदा कार्यक्रम की भी सराहना की जो लगातार दूसरे सत्र में दो चरण में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने पहले इस प्रमुख घरेलू प्रतियोगिता के व्यस्त कार्यक्रम की आलोचना की थी जिसमें मैचों के बीच केवल तीन दिन का अंतराल होता था।

शारदुल ने बुधवार को वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई की पुडुचेरी पर पारी और 122 रन की जीत के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस पर हमेशा मिश्रित राय होगी लेकिन व्यक्तिगत रूप से मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है। लगातार दस मैच खेलना शरीर के लिए कठिन होता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने यह भी देखा है कि ब्रिटेन में कार्यक्रम कैसा होता है। वे लगातार सात या आठ प्रथम श्रेणी मैच खेलते हैं और फिर ब्रेक के बाद खेलते हैं। वे बीच में कुछ सीमित ओवरों के मैच भी रखते हैं जिससे कि सभी मानसिक रूप से तरोताजा रहें।’’

शारदुल ने कहा, ‘‘वरना आप तीन महीने तक सिर्फ एक ही प्रारूप खेलते हैं और फिर अचानक सीमित ओवरों का क्रिकेट और फिर लाल गेंद का क्रिकेट पीछे छूट जाता है। इसलिए यह अच्छा है कि हम पांच मैच खेल रहे हैं और हमें थोड़ा ब्रेक मिल रहा है। फिर हम सीमित ओवरों का टूर्नामेंट खेलेंगे और फिर से लाल गेंद के क्रिकेट में उतरते हैं। इस तरह सभी लय में रहते हैं। वे दोनों प्रारूप के लिए मानसिक रूप से पूरी तरह तैयार रहते हैं।’’

आईपीएल 2026 से पहले मुंबई इंडियन्स से जुड़ने पर शारदुल ने कहा कि यह काफी समय से लंबित था।

उन्होंने कहा, ‘‘हर कोई अपने घरेलू स्थल और घरेलू मैदान पर खेलना पसंद करता है। मुझे लगता है कि यह कई वर्षों से लंबित था। लेकिन जब समय आएगा तभी यह संभव होगा। मुझे लगता है कि आखिरकार समय आ गया है।’’

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