त्योहारी सीजन में पेट्रोल की बिक्री बढ़ी, डीजल की मांग रही स्थिर

0
cdfewdcdeww4

नयी दिल्ली, दो नवंबर (भाषा) त्योहारों के दौरान यात्रा में तेजी के कारण अक्टूबर में भारत में पेट्रोल की बिक्री पांच महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। हालांकि, इस दौरान डीजल की खपत स्थिर रही जो इस रुझान के उलट है। यह जानकारी उद्योग के शुरुआती आंकड़ों से मिली है।

त्योहारों के सीजन की शुरुआत से ईंधन की मांग बढ़ने के कारण अक्टूबर में पेट्रोल की खपत सालाना आधार पर सात प्रतिशत बढ़कर 36.5 लाख टन हो गई। सितंबर में पेट्रोल की बिक्री 34 लाख टन रही थी।

देश में सबसे ज्यादा खपत वाले ईंधन डीजल की बिक्री अक्टूबर में मामूली गिरावट के साथ 76 लाख टन रही, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 76.4 लाख टन थी।

ऐतिहासिक रूप से, जून में बारिश के मौसम के आगमन के साथ डीजल की खपत में गिरावट आती थी, क्योंकि सिंचाई पंप चलाने के लिए ईंधन की मांग कम हो जाती थी और वाहनों की आवाजाही भी प्रभावित होती थी। हालांकि, अक्टूबर से बिक्री बढ़ जाती थी क्योंकि बारिश कम होती है और त्योहारी सीजन की वजह से ट्रक की आवाजाही भी बढ़ती है।

लेकिन इस साल, यह रुझान उलट गया है और अक्टूबर में खपत में बढ़ोतरी के बजाय मामूली गिरावट देखी गई।

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ की मासिक रिपोर्ट के अनुसार, पेट्रोल की खपत अक्टूबर, 2023 की तुलना में 16.3 प्रतिशत अधिक थी, जबकि इस साल डीजल की बिक्री अक्टूबर, 2023 की 76.3 लाख टन की मांग से कम रही।

विमान ईंधन या एटीएफ की खपत में लगातार सुधार जारी रहा और अक्टूबर में यह 1.6 प्रतिशत बढ़कर 7,69,000 टन हो गई। यह अक्टूबर, 2023 की तुलना में 11.11 प्रतिशत अधिक है। 2019 से, एटीएफ की खपत 1.65 प्रतिशत सालाना दर से बढ़ी है।

अक्टूबर में रसोई गैस या एलपीजी की बिक्री 5.4 प्रतिशत बढ़कर लगभग 30 टन हो गई, क्योंकि घरेलू खाना पकाने की जरूरतें लगातार बढ़ रही हैं।

इस वृद्धि का एक प्रमुख कारण ईंधन की घरेलू मांग है।

भारत ने सब्सिडी वाली एलपीजी आपूर्ति योजना पीएमयूवाई में 25 लाख नए घर जोड़े, जिससे इसके अंतर्गत आने वाले परिवारों की संख्या 10.33 करोड़ से बढ़कर 10.58 करोड़ हो गई।

अप्रैल, 2025 से शुरू हुए चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में पेट्रोल की खपत 6.8 प्रतिशत बढ़कर 2.48 करोड़ टन हो गई है, जबकि डीजल की बिक्री 2.45 प्रतिशत बढ़कर 5.33 करोड़ टन रही। इस वित्त वर्ष में एटीएफ की खपत एक प्रतिशत बढ़कर 52 लाख टन हो गई है, और एलपीजी की मांग 7.2 प्रतिशत बढ़कर 1.97 करोड़ टन हो गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *