जयपुर, 11 नवंबर (भाषा) राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर, जोधपुर और कोटा में नगर निगमों के विलय के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए इसे अदूरदर्शी एवं राजनीतिक स्वार्थ से लिया गया निर्णय करार दिया।
गहलोत ने ‘एक्स’ पर कहा, “राजस्थान की भाजपा सरकार ने कांग्रेस सरकार द्वारा शहरों के बेहतर विकास एवं रखरखाव की दृष्टि से बनाए गए नये नगर निगमों को खत्म कर जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो नगर निगमों का विलय कर एक नगर निगम कर दिया। यह एक बेहद अदूरदर्शी एवं राजनीतिक स्वार्थ से लिया गया फैसला है।”
उन्होंने कहा कि छोटी प्रशासनिक इकाइयों से प्रशासनिक नियंत्रण एवं विकास बेहतर हो सकता है।
पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार, पहले राज्य की भाजपा सरकार ने नौ नए जिलों को खत्म किया और अब तीन नगर निगमों का विलय कर दिया।
गहलोत ने कहा, “हमारी सरकार ने यह फैसला शहरी विकास के विशेषज्ञों की राय लेकर किया था। जयपुर की आबादी अब 60 लाख के पार जा चुकी है। केवल एक नगर निगम से यहां का प्रबंधन बेहद मुश्किल है। यही स्थिति कमोबेश जोधपुर व कोटा की है, जिनका विस्तार बेहद तेजी से हो रहा है।”
उन्होंने कहा, “अगर हमारे इस फैसले में कोई कमी थी तो उसे दूर करने का प्रयास कर इसे बेहतर करना चाहिए था लेकिन इन नगर निगमों का केवल राजनीतिक कारणों से विलय करना उचित नहीं है।”