नयी दिल्ली, 15 नवंबर (भाषा) दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर मुख्य रूप से निर्माण गतिविधियों, धूल भरी सड़कों और यातायात की भीड़ से होने वाले पीएम10 उत्सर्जन के कारण बढ़ रहा है और सरकार हॉटस्पॉट की पहचान तेज कर रही है।
सिरसा ने कहा कि शहर की सफाई व्यवस्था और सड़कों की स्थिति में “काफी सुधार” की आवश्यकता है, तथा स्थानीय रखरखाव में खामियां वायु गुणवत्ता में गिरावट में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
उन्होंने कहा कि सर्दियों की शुरुआत के साथ स्थिति और बिगड़ रही है। धूल धीरे-धीरे धुंध में बदल रही है। उन्होंने कहा, “स्वच्छ दिल्ली की लड़ाई 10 प्रमुख प्रदूषणकारी कारकों के खिलाफ है। पराली जलाने से भी इसमें इजाफा होता है, लेकिन बुवाई का मौसम शुरू होने के साथ ही इसका असर कम होने लगेगा।”
सिरसा ने यह भी कहा कि दिल्ली पड़ोसी क्षेत्रों में स्थानांतरित की गई औद्योगिक इकाइयों से होने वाले उत्सर्जन से प्रभावित हो रही है।
उन्होंने कहा, “सीमावर्ती क्षेत्र अभी भी प्रभावित हो रहे हैं और दिल्ली सरकार इस पर भी काम कर रही है।”
इस मौसम में पहली बार 11 नवंबर को राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘गंभीर’ श्रेणी में प्रवेश कर गया, यह स्तर आखिरी बार दिसंबर 2024 में दर्ज किया गया था।
लगातार तीन दिनों तक ‘गंभीर’ श्रेणी में रहने के बाद, एक्यूआई में थोड़ा सुधार हुआ और शुक्रवार को यह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आ गया।