हर कश्मीरी मुसलमान को शक की निगाह से न देखें : उमर

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श्रीनगर, 18 नवंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को “सफेदपोश” आतंकवादी मॉड्यूल और दिल्ली विस्फोट मामले में शामिल सभी लोगों के लिए कड़ी सजा की वकालत की, लेकिन आग्रह किया कि बेगुनाह लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “मैंने कल उत्तरी क्षेत्र के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में भी यह मुद्दा उठाया था। केंद्रीय गृह मंत्री, केंद्रीय गृह सचिव, उत्तरी क्षेत्र के मुख्यमंत्री, राज्यपाल, उपराज्यपाल वहां मौजूद थे। मैंने उनसे अपील की कि वे जम्मू-कश्मीर के हर नागरिक, खासकर हर कश्मीरी मुसलमान को शक की निगाह से न देखें।”

उन्होंने नौगाम थाने में शुक्रवार को दुर्घटनावश विस्फोट में घायल हुए लोगों का हालचाल जानने के लिए यहां एक अस्पताल का दौरा करने के बाद संवाददाताओं से यह बात कही।

मुख्यमंत्री ने दुर्घटनावश हुए विस्फोट में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों से भी मुलाकात की और दुख की इस घड़ी में सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

अब्दुल्ला ने पिछले सप्ताह कहा था कि दिल्ली विस्फोट के पीछे जो लोग हैं उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए, लेकिन उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया था कि जम्मू-कश्मीर की पूरी आबादी को आतंकवाद का समर्थक नहीं कहा जा सकता।

दिल्ली में लाल किले के पास 10 नवंबर को विस्फोटकों से लदी एक कार में विस्फोट हुआ था, जिसे दक्षिण कश्मीर के पुलवामा का निवासी डॉ. उमर नबी चला रहा था। इस कार में हुए विस्फोट में 15 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।

अब्दुल्ला ने कहा कि इस मॉड्यूल में शामिल लोगों, खासकर दिल्ली विस्फोट में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और कड़ी सजा दी जानी चाहिए, लेकिन “बेगुनाह लोगों, जिनका इससे कोई संबंध नहीं है और जिन्होंने हमेशा हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई है, उन्हें इस दायरे में नहीं लाया जाना चाहिए।”

मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि केंद्र उनकी बातों पर ध्यान देगा।

नौगाम विस्फोट का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसमें कई लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए।

उन्होंने कहा, “इस घटना की वजह और यह कैसे हुआ यह पता लगाने के लिए जांच जारी है। मुझे उम्मीद है कि लोगों को जवाब मिल जाएगा, क्योंकि ऐसा नहीं होना चाहिए। इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक यहां लाया गया, किन परिस्थितियों में इसे लाया गया और संग्रहीत किया गया, और इसे कैसे संभाला गया, इन सभी सवालों के जवाब हमें धीरे-धीरे मिलेंगे, लेकिन मैं उन सभी परिवारों के प्रति अपनी सहानुभूति और संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपने परिजनों को खो दिया है।”

नौगाम में दुर्घटनावश विस्फोट में नौ लोग मारे गए जिनमें पुलिस विभाग के पांच कर्मी और चार आम लोग शामिल हैं। विस्फोट में 32 अन्य घायल हो गए।

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