नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) भारतीय महिला मुक्केबाजी के नव नियुक्त मुख्य कोच सैंटियागो नीवा का मानना है कि मौजूदा टीम में काफी प्रतिभा है और उनका लक्ष्य 2028 लॉस एंजिलिस ओलंपिक में कांस्य पदक से आगे बढ़कर इतिहास रचना है।
नीवा पहले 2017 से 2022 तक भारत के ‘हाई परफॉर्मेंस’ निदेशक के तौर पर काम कर चुके हैं जिसमें उन्होंने ज्यादातर काम पुरुष टीम के साथ किया था और अब उन्हें महिला टीम का भविष्य बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं।
नीवा ने ऑस्ट्रेलिया से पीटीआई को बताया, ‘‘भारतीय महिला मुक्केबाजी टीम बहुत मजबूत है और मुझे लगता है कि ओलंपिक पदक जीतना बहुत जरूरी है। मैंने सोचा कि महिला टीम में काफी प्रतिभा है तो मैं वहां योगदान देना चाहूंगा ताकि हम लॉस एंजिलिस में इतिहास बना सकें और कांस्य पदक से आगे जा सकें।’’
अब तक सिर्फ तीन भारतीय मुक्केबाजों ने ओलंपिक पदक जीते हैं जिसमें विजेंदर सिंह (2008), एमसी मैरीकॉम (2012) और लवलीना बोरगोहेन (2020) को कांस्य पदक मिले हें।
पेरिस ओलंपिक से भारतीय मुक्केबाज खाली हाथ लौटे थे।
उनके मार्गदर्शन में अमित पंघाल ने पुरुषों की विश्व चैंपियनशिप में भारत के लिए पहला और एकमात्र रजत पदक जीता था जबकि तोक्यो ओलंपिक में अब तक सबसे ज्यादा भारतीय मुक्केबाजों की हिस्सेदारी रही थी।
वह एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों जैसे बड़े टूर्नामेंट के 2026 सत्र से पहले जुड़ रहे हैं तो उनके एजेंडे में सबसे पहली चीज चयन नीति को समझना होगा।
उन्होंने किहा, ‘‘मुझे यह देखना होगा कि वे किस मॉडल का इस्तेमाल कर रहे हैं और यह कैसे काम करता है। जरूरी बात यह है कि हम सबसे अच्छे मुक्केबाज चुनें। ’’
नीवा ने कहा, ‘‘फिर देखना होगा कि चल रहे सभी अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर के साथ क्या व्यावहारिक है। फैसले एकतरफा नहीं होने चाहिए। बहुत सारे कारकों को ध्यान में रखना होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों से पहले हमें सबसे पहले इसी चीज पर ध्यान देना होगा। ’’
नीवा की वीजा औपचारिकताएं पूरी करने के बाद लगभग एक महीने में अपना कार्यकाल शुरू करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि मुक्केबाजों के अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए उनका अभी कोई बड़ा बदलाव करने का इरादा नहीं है।
भारतीय महिला मुक्केबाजों ने इस साल अच्छा प्रदर्शन किया है जिसमें उन्होंने विश्व चैंपियनशिप में दो स्वर्ण सहित चार पदक जीते हैं।