नयी दिल्ली, पांच नवंबर (भाषा) अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी ने कर्ज में डूबी रिलायंस कम्युनिकेशंस की अनुषंगी कंपनी की अनुषंगी रिलायंस रियल्टी की उस अपील को खारिज कर दिया है जिसमें ‘इंडिपेंडेंट टीवी’ से किराये और परिसंपत्तियों की वसूली का अनुरोध किया गया था।
इंडिपेंडेंट टीवी, डीटीएच कारोबार में थी और अब परिसमापन का सामना कर रही है।
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने एनसीएलटी की मुंबई पीठ द्वारा पारित पूर्व आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें रिलायंस रियल्टी की याचिका को खारिज कर दिया गया था और कहा गया था कि इंडिपेंडेंट टीवी (जिसे औपचारिक रूप से रिलायंस बिग टीवी के रूप में जाना जाता है) की परिसमापन प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से और यथासंभव कम समय में पूरा किया जाना चाहिए।
एनसीएलएटी की दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि परिसमापन प्रक्रिया को ‘‘ अपीलकर्ता (रिलायंस रियल्टी) द्वारा बाधित नहीं किया जाना चाहिए जिसने बिना किसी ठोस कारण के पट्टे पर दिए गए परिसर में स्थित परिसंपत्तियों के स्वामित्व के मुद्दे को कभी नहीं उठाया।’’
एनसीएलएटी ने कहा, ‘‘ हमें उस आदेश में कोई कमी नहीं दिखती जिसमें परिसमापक को पट्टे पर दिए गए परिसर में पड़ी कॉर्पोरेट देनदार की सभी चल संपत्तियों को हटाने की अनुमति दी गई है। अपीलकर्ता को परिसमापक एवं सफल बोलीदाता को इन चल संपत्तियों तक पहुंचने से रोकने से रोका गया है।’’
रिलायंस रियल्टी ने 27 नवंबर 2017 को डीकेएसी परिसर (धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी) के एक हिस्से को प्री-पैकेज बुनियादी ढांचे की सुविधाओं के साथ इंडिपेंडेंट टीवी (कॉर्पोरेट देनदार) को अपने डायरेक्ट टू होम (डीटीएच) व्यवसाय को चलाने और सामान को रखने के लिए पट्टे पर दिया था।
इंडिपेंडेंट टीवी ने 27 नवंबर 2017 को शेयर खरीद समझौते और परिसर उपयोग के लिए एक मसौदा समझौते के निष्पादन के बाद समूह से डीटीएच व्यवसाय का अधिग्रहण किया था।
इसने अक्टूबर 2018 तक किराया, बिजली तथा रखरखाव शुल्क सहित सेवा शुल्क का भुगतान किया लेकिन बाद में समय पर भुगतान करने में विफल रहा।
इसके खिलाफ 26 फरवरी 2020 को दिवाला कार्यवाही शुरू की गई और दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के प्रावधानों के अनुसार इसके सीईओ द्वारा सभी परिसंपत्तियों को इसके समाधान पेशेवर को सौंप दिया गया। चूंकि यह कोई खरीदार नहीं ढूंढ पाया, इसलिए एनसीएलटी ने 17 मार्च 2023 को इंडिपेंडेंट टीवी के परिसमापन की शुरुआत करने का निर्देश दिया और ई-नीलामी नोटिस जारी किया। हालांकि परिसमापन में रिलायंस रियल्टी ने संभावित बोलीदाताओं को कंपनी की परिसंपत्तियों का निरीक्षण करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।