वाशिंगटन, सात नवंबर (भाषा) अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने दावा किया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘‘बात मनवाने’’ के लिए शुल्क का इस्तेमाल एक कूटनीतिक हथियार के रूप में किया और भारत से आग्रह किया कि वह रूस से ‘‘तेल खरीदना बंद करे’’ ताकि यूक्रेन युद्ध को समाप्त कराने में मदद मिल सके।
लुटनिक ने बृहस्पतिवार को फॉक्स न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में यह टिप्पणी की।
साथ ही उन्होंने ऐसे वक्त में ट्रंप की शुल्क शक्तियों के इस्तेमाल का बचाव किया जब उच्चतम न्यायालय में इसकी वैधता पर सुनवाई जारी है।
लुटनिक ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति इन शुल्कों का उपयोग न्याय खरीदने के लिए कर रहे हैं। वह रूस और यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए शुल्क का उपयोग कर रहे हैं, जहां उन्होंने भारत से कहा है कि ‘तेल खरीदना बंद करो’।’’
न्यायालय इस बात की जांच कर रहा है कि क्या 1977 के ‘इंटरनेशनल इमरजेंसी इकॉनमिक पावर्स एक्ट’ (आईईपीए) के तहत ट्रंप के लिए आपातकालीन शक्तियों का उपयोग करके कई देशों, जिनमें भारत भी शामिल है पर व्यापक प्रत्यावर्ती शुल्क लागू करना कानूनी था।
लुटनिक ने विश्वास जताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति यह मुकदमा जीतेंगे क्योंकि ‘‘ये शक्तियां अमेरिका की रक्षा करती हैं।’’
ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाया और फिर रूसी तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया, जिससे भारत पर लगाया गया कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गया।
वहीं भारत ने अमेरिकी कार्रवाई को “अनुचित और अविवेकपूर्ण” बताया था।
सितंबर में ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका के उच्चतम न्यायालय को बताया कि उसने भारत पर रूसी ऊर्जा उत्पादों की खरीद के लिए शुल्क लगाया है, जो ‘‘यूक्रेन में रूस के युद्ध के संबंध में पहले से मौजूद राष्ट्रीय आपातकाल से निपटने के लिए’’ और देश में शांति के राष्ट्रपति के प्रयास का एक ‘‘अहम पहलू’’ है।