नयी दिल्ली, 11 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में लाल किले के नजदीक सोमवार शाम को हुए धमाके के बाद आसपास शरीर के अंग बिखरे पड़े थे। ये अंग निकटवर्ती जैन मंदिर तक बिखरे नजर आये और इसकी वजह से स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई।
दिल्ली के सर्वाधिक भीड़भाड़ वाले और ऐतिहासिक इलाके में हुए इस विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए।
चांदनी चौक में बैग बेचने वाली करमजोत ने विस्फोट के कुछ ही पल बाद फैली अफरा-तफरी को याद करते हुए कहा, ‘‘मैंने लाल किले की तरफ से बड़ी संख्या में लोगों को अपनी ओर दौड़ते देखा और हर कोई चीख रहा था। मैं गुरुद्वारे की तरफ भागी और माहौल के शांत हो जाने तक वहां शरण ली।’’
जैन मंदिर स्पोर्ट्स क्लब के एक कर्मचारी जेपी मिश्रा ने बताया कि आपातकालीन दलों के पहुंचने से पहले ही स्थानीय लोग घायलों की मदद के लिए दौड़ पड़े थे। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं घटनास्थल पर पहुंचा तो मैंने हर जगह क्षत-विक्षत शव देखे। शरीर के कुछ अंग तो मेरे पैरों के नीचे भी आ गए।’’
जैन मंदिर के पास रहने वाली प्रत्यक्षदर्शी कर्मायता देवी (45) ने बताया कि उनका परिवार पूरी रात सो नहीं पाया। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगा जैसे भूकंप आ गया हो। चारों तरफ पड़े शव देखकर मेरा 15 साल का बेटा डर गया।’’
लाल किले के पास रहने वाली 10-वर्षीय प्रिया ने बताया कि धमाका इतना जोरदार था कि उसके घर की छत के कुछ हिस्से में सीमेंट भी उखड़ गया। उसने मद्धिम आवाज में कहा, ‘‘आज हमारा स्कूल बंद है। हम पूरी रात सो नहीं पाए। मैंने इतना तेज धमाका पहले कभी नहीं सुना।’’
इस बीच दुकानदारों को इस बात की चिंता सताने लगी है कि उन्हें अगले कुछ महीनों तक व्यापार में नुकसान उठाना पड़ सकता है।