नयी दिल्ली, चार नवंबर (भाषा) भारत और इजराइल ने आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की वैश्विक नीति विकसित करने और व्यापार, बुनियादी ढांचे व कनेक्टिविटी के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के उपायों पर मंगलवार को चर्चा की।
इस दौरान भारत ने यह उम्मीद जताई कि अमेरिका की मध्यस्थता से तैयार की गई गाजा शांति योजना क्षेत्र में स्थायी शांति लाने में सहायक होगी।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर और इजराइल के विदेश मंत्री गिदोन सार के बीच यह बातचीत हुई। दोनों देश आने वाले महीनों में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की भारत यात्रा की संभावना पर भी विचार कर रहे हैं।
बैठक में भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) पर भी चर्चा हुई, जिसके तहत क्षेत्रीय संपर्क व व्यापार को बढ़ावा देने के अवसरों की तलाश की जा रही है।
जयशंकर ने अपने उद्घाटन वक्तव्य में कहा कि भारत और इजराइल दोनों आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “हम कठिन समय में एक साथ खड़े रहे हैं और हमारे संबंध आपसी विश्वास पर आधारित हैं। दोनों देश आतंकवाद की विशेष चुनौती का सामना कर रहे हैं।
गिदोन सार ने कहा कि इजराइल इस समय गाज़ा में हमास, लेबनान में हिजबुल्ला, और यमन में हूती जैसे “कट्टर आतंकवादी संगठनों” से मुकाबला कर रहा है।
उन्होंने कहा, “हमास के आतंकवादी शासन को खत्म करना राष्ट्रपति (डोनाल्ड) ट्रंप की योजना का प्रमुख हिस्सा है। हम हमास को निशस्त्र करने के लक्ष्य से पीछे नहीं हटेंगे।”
जयशंकर ने कहा कि भारत गाजा शांति योजना के घटनाक्रमों पर करीबी नज़र रखे हुए है।
उन्होंने कहा, “हम बंधकों की रिहाई और उन लोगों के अवशेषों की वापसी का स्वागत करते हैं, जिन्होंने दुर्भाग्यवश अपनी जान गंवा दी। भारत गाजा शांति योजना का समर्थन करता है और आशा करता है कि यह स्थायी समाधान की दिशा में मार्ग प्रशस्त करेगी।”