निष्क्रिय जीवनशैली लाती है कई बीमारियां

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हम लोग प्रायः उतना सक्रिय जीवन नहीं जीते जितना हमें जीना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सिफारिश की है कि हमें सप्ताह में कम से कम डेढ़ सौ मिनट का तेज गति से करने वाला कार्य जैसे तेज चलना, बागवानी, तैरना, खेलना या व्यायाम करना चाहिए या 75 मिनट प्रति सप्ताह की अति सक्रिय एरोबोटिक फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए। इसके अतिरिक्त मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम भी सप्ताह में 2 दिन करने चाहिए। ये निर्देश 18 वर्ष से 64 की आयु वर्ग के लोगों के लिए हैं।
हम देखते है कि प्रायः लोग सुबह देर से उठते हैं। शारीरिक व्यायाम नहीं करते, सैर नहीं जाते और रात को देर से सोते हैं। यदि बाहर खाने जाते हैं तो अपने स्वास्थ्य की चिंता किए बिना कुछ भी खा पी लेते हैं। पिज्जा, बर्गर और चायनीज फूड जैसे अधिक वसा वाले खाद्य पदार्थ इतने अधिक मात्रा में खाए जाते हैं कि इनकी दुकानों पर भीड़ लगी रहती है। केवल 3 प्रतिशत महिलाएं ही ऐसी कही जा सकती हैं जो आवश्यक शारीरिक एक्सरसाइज करती हैं। शेष महिलाओं में ब्लडप्रेशर, ह्नदय रोग, स्ट्रोक, मधुमेह, ब्रेस्ट कैंसर, कोलोन कैंसर, मोटापा और हड्डियों संबंधी कई रोग होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
बढ़ती हुई स्वास्थ्य चेतना से शारीरिक सक्रियता कुछ तो बढ़ रही है पर बढ़ने की गति बहुत धीमी है। पिछले 10 वर्ष में शहरी क्षेत्रों में निश्चित रूप से सुधार हुआ है और अधिक लोग सैर और दौड़ने जैसी गतिविधियां करने लगे हैं।  शहरी क्षेत्रों में डायबिटीज और प्री डायबिटीज की मात्रा में कुछ कमी
हुई है किंतु शहरी गरीब लोगों और गांव के अमीर लागों में यह बढ़ रहा है क्योंकि वे स्वस्थ जीवन शैली नहीं अपना रहे
हैं।
आंकड़े बताते हैं कि पूरी दुनियां में साढ़े 27 प्रतिशत लोग बहुत कम शारीरिक गतिविधि करते हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित स्तर से बहुत पीछे हैं। शारीरिक सक्रिय महिलाओं की संख्या पुरूषों से बहुत कम है। जो देश जितना विकसित है, वहां शारीरिक गतिविधियां उतनी ही कम हैं। निष्क्रिय जीवन शैली शरीर के लिए उतनी ही घातक है जितना धूम्रपान और मोटापा। ऐसे लोगों में मृत्यु दर 6 प्रतिशत बढ़ जाती है। ब्रेस्ट और कोलोन कैंसर का खतरा 21 से 25 प्रतिशत, मधुमेह का खतरा 27 प्रतिशत और ह्नदय रोगों का खतरा 30 प्रतिशत बढ़ जाता है। अब यह वैज्ञानिक दृष्टि से सिद्ध हो चुका है कि शारीरिक सक्रियता से हमारी मांसपेशियों, ह्नदय और फेफड़ों की फिटनेस बढ़ती है, हड्डियां मजबूत होती हैं और रक्तचाप, ह्नदयरोग और कई प्रकार के कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
अधिकतर लोगों की इस संबंध में एक ही सफाई होती है कि हमारे पास एक्सरसाइज करने का समय नहीं है जबकि एक्सरसाइज करना अपने आहार में परिवर्तन करने से ज्यादा आसान है। स्वस्थ लोग यदि 30 मिनट तक लगातार सैर, नृत्य, जागिंग, तैराकी करें या अन्य कोई भी खेल खेंले तो वे न केवल बहुत सी बीमारियों से दूर रह सकते हैं बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ जीवन बिता सकते हैं। एक डाक्टर के अनुसार हमें कम से कम 60 मिनट तक शारीरिक क्रिया या 10,000 हजार कदम चलने का प्रयास करना चाहिए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का यह भी कहना है कि 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग प्रति सप्ताह कम से कम 150 मिनट सैर, साइकिलिंग, खेलना या हल्के व्यायाम अवश्य करें।  शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से कम से कम 45 प्रतिशत बीमारियों को दूर रखा जा सकता है। इसलिए सबके लिए शारीरिक सक्रियता बहुत आवश्यक है।

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