भारत-इजराइल एफटीए में रणनीतिक क्षेत्रों पर ध्यान दें: जीटीआरआई

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नयी दिल्ली, 24 नवंबर (भाषा) भारत और इजराइल के मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर वार्ता फिर से शुरू करने के लिए नए सिरे से किए जा रहे प्रयासों को माल व्यापार में लाभ के बजाय रक्षा विनिर्माण, इलेक्ट्रॉनिक, सेमीकंडक्टर, जल एवं सिंचाई प्रौद्योगिकी, सटीक कृषि तथा साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग द्वारा निर्देशित किया जाना चाहिए। आर्थिक शोध संस्थान जीटीआरआई ने सोमवार को यह बात कही।

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा कि इजराइल एक उच्च आय वाला प्रौद्योगिकी-संचालित बाजार है। इजराइल की जनसंख्या एक करोड़ से कम है जिससे कपड़ा, वाहन या सामान्य इंजीनियरिंग वस्तुओं जैसे भारत द्वारा अधिक निर्यात किए जाने वाले क्षेत्रों के लिए संभावनाएं सीमित हो जाती हैं।

वहीं भारत कृषि, जेनेरिक, इस्पात, रसायन जैसे क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धी है जिनमें इजराइल या तो आत्मनिर्भर है या गुणवत्ता और ‘फाइटोसैनिटरी’ मानदंडों के माध्यम से कड़ाई से विनियमित है या पहले से ही यूरोपीय संघ तथा अमेरिका जैसे भागीदारों को शुल्क में प्राथमिकता प्रदान करता है।

आर्थिक शोध संस्थान ने कहा कि इससे भारतीय उत्पाद संरचनात्मक रूप से नुकसान में रहते हैं और परिणामस्वरूप वाणिज्य हीरे, चावल और सिरेमिक टाइल्स जैसी कुछ विशिष्ट श्रेणियों तक ही सीमित रह जाता है।

जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ इसलिए, दोनों देशों के लिए नए सिरे से एफटीए प्रयास को व्यापारिक व्यापार में लाभ के बजाय रक्षा विनिर्माण, इलेक्ट्रॉनिक, सेमीकंडक्टर, जल एवं सिंचाई प्रौद्योगिकी, सटीक कृषि तथा साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग द्वारा निर्देशित किया जाना चाहिए…’’

दोनों देशों ने औपचारिक रूप से शीघ्र ही एफटीए वार्ता पुनः शुरू करने के लिए नियम-शर्तों पर पिछले सप्ताह हस्ताक्षर किए थे।

भारत और इजराइल मई, 2010 से इसी तरह के समझौते पर बातचीत कर रहे थे। 2012-13 तक कई दौर की वार्ताएं हुईं। फिर 2014 के बाद दोनों पक्षों में शुल्क, मानकों और संवेदनशील उत्पादों तक पहुंच को लेकर सहमति न बनने को लेकर बातचीत थमती चली गई।

उन्होंने कहा कि लगभग एक दशक की निष्क्रियता के बाद 2024-25 में कई उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान के बाद इस प्रयास को फिर से गति मिली है। दोनों सरकारों ने वार्ता को फिर से शुरू करने के लिए नए संदर्भ-बिंदुओं को अंतिम रूप दिया है।

भारत, एशिया में इजराइल का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। द्विपक्षीय व्यापार में मुख्य रूप से हीरे, पेट्रोलियम उत्पाद और रसायन शामिल हैं लेकिन हाल के वर्ष में इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी और उच्च प्रौद्योगिकी वाले उत्पादों, संचार प्रणालियों एवं चिकित्सकीय उपकरणों जैसे क्षेत्रों में भी व्यापार में वृद्धि देखी गई है।

भारत से इजराइल को प्रमुख निर्यात वाली वस्तुओं में मोती एवं कीमती पत्थर, मोटर वाहन डीजल, रासायनिक व खनिज उत्पाद, मशीनरी व विद्युत उपकरण, प्लास्टिक, वस्त्र, परिधान, आधार धातुएं तथा परिवहन उपकरण और कृषि उत्पाद शामिल हैं।

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