नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि उनके मंत्रालय ने जन विश्वास विधेयक के तीसरे संस्करण के जरिये छोटे कारोबारी अपराधों को और अपराध-मुक्त करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने पहले ही लगभग 275-300 ऐसे प्रावधानों की पहचान कर ली है, जिन्हें अपराध-मुक्त की श्रेणी में डाला जा सकता है।
उन्होंने यहां घरेलू व्यापारियों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘जन विश्वास विधेयक-3 की तैयारी चल रही है।’’
जन विश्वास (प्रावधान में संशोधन) विधेयक-2025, जो जीवन और व्यापार को आसान बनाने के लिए कुछ छोटे अपराधों को अपराध-मुक्त करने की कोशिश करता है, अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया था और एक प्रवर समिति को भेजा गया था।
समिति को संसद के अगले सत्र के पहले दिन तक सदन में अपनी रिपोर्ट जमा करने का काम सौंपा गया है। इस कानून का पहला संस्करण 2023 में लागू किया गया था। इसमें 42 अधिनियमों के 183 प्रावधानों में संशोधन के जरिये छोटे अपराधों को अपराध-मुक्त किया गया था।
गोयल ने सुझाव दिया कि व्यापारी समुदाय और ज्यादा प्रावधान की पहचान करे और मंत्रालय को उसकी जानकारी दे।
व्यापारियों द्वारा उठाए गए ‘एक देश, एक लाइसेंस’ के मुद्दे पर, मंत्री ने उनसे इसके लिए एक रूपरेखा जमा करने को कहा। उन्होंने कहा कि वह इसे महाराष्ट्र जैसे राज्यों के साथ साझा करेंगे, क्योंकि यह राज्य का विषय है।
श्रम संहिता लागू करने पर, उन्होंने कहा कि इन संहिता में श्रमिकों के अनुकूल उपाय हैं जैसे सभी के लिए समय पर न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा को शामिल किया गया है। इनमें विभिन्न ई-कॉमर्स मंचों के लिए काम करने वाले अस्थायी कर्मी (गिग वर्कर) शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि श्रम संहिता से कारोबार सुगमता को बढ़ावा मिलेगा।