एफपीआई ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजार में 14,610 करोड़ रुपये डाले

0
fp122

नयी दिल्ली, दो नवंबर (भाषा) लगातार तीन माह तक निकासी के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) भारतीय शेयर बाजार में फिर लिवाल बन गए हैं। अक्टूबर में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार में शुद्ध रूप से 14,610 करोड़ रुपये डाले हैं।

इस निवेश को कंपनियों के मजबूत तिमाही नतीजों, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती और अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता के जल्द ही साकार होने की उम्मीदों से बल मिला।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, यह बदलाव लगातार निकासी के लंबे दौर के बाद आया है। एफपीआई ने भारतीय शेयरों से सितंबर में 23,885 करोड़ रुपये, अगस्त में 34,990 करोड़ रुपये और जुलाई में 17,700 करोड़ रुपये निकाले थे।

अक्टूबर में एफपीआई का नए सिरे से निवेश, धारणा में एक उल्लेखनीय बदलाव को दर्शाता है। यह भारतीय बाजारों के प्रति वैश्विक निवेशकों के नए विश्वास का प्रतीक है।

इस बारे में मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के प्रमुख, प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि यह बदलाव हाल ही में हुए सुधारों और प्रमुख क्षेत्रों में मजबूत तिमाही नतीजों के बाद बेहतर जोखिम धारणा और आकर्षक मूल्यांकन के कारण हुआ है।

उन्होंने कहा कि यह बदलाव मुद्रास्फीति में कमी, ब्याज दर चक्र में नरमी की उम्मीदों और जीएसटी युक्तिकरण जैसे सहायक घरेलू सुधारों के साथ भी हुआ है, जिससे निवेशकों का विश्वास और मजबूत हुआ है।

एंजेल वन के वरिष्ठ बुनियादी विश्लेषक वकारजावेद खान ने कहा कि नवीनतम निवेश प्रवाह को ‘‘वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही के बेहतर नतीजों, अमेरिकी फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती और अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता के जल्द ही साकार होने की उम्मीद से समर्थन मिला है।’’

मॉर्निंगस्टार के श्रीवास्तव ने कहा कि इस प्रवृत्ति की स्थिरता निरंतर वृहद मजबूती, एक बेहतर वैश्विक वातावरण और आने वाली तिमाहियों में कंपनियों के नतीजों पर निर्भर करेगी।

जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि ‘‘अब कंपनियों की आय में सुधार के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं। अगर तेज मांग बनी रहती है, तो आय में सुधार होगा, जिससे मूल्यांकन उचित होगा। ऐसी स्थिति में एफपीआई खरीदार बने रहेंगे।’’

इसके अलावा, खान का मानना ​​है कि नवंबर में एफपीआई का प्रवाह जारी रह सकता है क्योंकि जुलाई से सितंबर तक कुल 77,000 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी मुख्य रूप से वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण हुई थी।

उन्होंने कहा कि अब उन दबावों में कमी आ रही है और भारत तथा अमेरिका व्यापार वार्ता में प्रगति के संकेत दे रहे हैं, जिससे धारणा में और सुधार की संभावना दिख रही है।

अक्टूबर में शुद्ध निवेश के बावजूद एफपीआई 2025 में अबतक शेयरों से लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये निकाल चुके हैं।

इस बीच, समीक्षाधीन महीने में बॉन्ड बाजार में एफपीआई ने सामान्य सीमा के तहत लगभग 3,507 करोड़ रुपये का निवेश किया, जबकि स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग से 427 करोड़ रुपये निकाले।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *